Ballia : शिक्षक के तबादले पर फूट-फूटकर रोये बच्चे, भावुक हुआ पल ; देखें टीचर की कमाई हुई पूंजी का वीडियो




बलिया। किसी छात्र के जीवन में माता-पिता के बाद यदि ईश्वर के बराबर किसी का स्थान है तो उस शिक्षक का है, जो 'कर्तव्यपथ' का ईमानदार 'राही' हो। जी हां, एक ऐसे ही 'राही' की वीडियो सामने आई है। यह वीडियो बलिया के शिक्षा क्षेत्र चिलकहर की है, जो यह बताने के लिए काफी है कि सरकारी स्कूल के बच्चे अपने शिक्षकों को किस प्रकार प्यार करते हैं। शिक्षकों के प्रति बच्चों का लगाव कितना होता है, यह इस वीडियो में साफ दिख रहा है। यहां के बच्चे जहां अपने अपने प्रिय शिक्षक को फेयरवेल देते समय फूट-फूट कर रो रहे है, वहीं शिक्षक भी बच्चों को सीने से लगाकर बिलख रहे है। शायद एक शिक्षक के लिए इससे बड़ी कमाई कुछ और नहीं हो सकती, जब उनके ट्रांसफर पर बच्चे न सिर्फ भावुक हो, बल्कि गले लगकर रोये भी।
कुछ शिक्षक ऐसे भी हैं, जो अपने काम से ऐसी अमिट छाप छोड़ते हैं कि वे बच्चों और समाज के हृदय में विशेष स्थान बना लेते है। ये बात मनीष यादव पर चरितार्थ होती दिखी। स्कूल के शिक्षक पंकज सिंह, अनुराधा गुप्ता, ममता सिंह एवं कम्पोजिट कझारी के प्रभारी प्रधानाध्यापक विनोद कुमार ने मनीष जी को स्मृति चिन्ह और अंगवस्त्र से सम्मानित किया। अन्य सभी शिक्षकों ने स्मृति चिन्ह के साथ मनीष जी को पौधा भेंट किया। कार्यक्रम में बलवंत सिंह, अरुण पाण्डेय, एआरपी राजेश यादव, शिवजन्म यादव, मोहन, विनय सिंह, भरत, सतीश, विजय मौर्य, दुष्यंत सिंह, योगेन्द्र बहादुर सिंह, विश्वनाथ पाण्डेय, श्रीप्रकाश, ममता, अनुराधा गुप्ता, बिट्टू, अनिश, रमेश तिवारी, मुकेश सिंह, मिथिलेश, राहुल यादव, अजित, अभिमन्यु, कौशलेंद्र, संजय आदि लोग उपस्थित रहे। संचालन विनोद गुप्ता तथा अभार व्यक्त पंकज कुमार सिंह ने किया।
बच्चों के मन की बात समझकर खुद को उनसे जोड़ा
सहायक अध्यापक मनीष यादव ने पूर्वांचल से बातचीत में बताया कि उनकी तैनाती वर्ष 2018 में यहां हुई थी। स्कूल में करीब 75 बच्चे नामांकित थे। पहले बच्चों की भावनाओं को समझा और उनसे उनके मन की बात को समझते हुए खुद को जोड़ा। फिर बच्चों के साथ पठन-पाठन का कार्य करना, उनके साथ खेलना दिनचर्या में शुमार कर लिया। बच्चों को हर नई जानकारी देने का प्रयास किया, ताकि उनको दुनिया से रूबरू कराया जा सकें। बच्चों की समस्याओं को समझना और उसकी पूर्ति करने की कोशिश विद्यालय के हम सभी शिक्षक मिलकर करते रहे। आज छात्र संख्या 106 हैं। बहुत अच्छा रहा यहां का कार्यकाल, आज बच्चों से अलग होना मेरे लिए काफी असहनीय है।

Related Posts
Post Comments








Comments