मैं नीर भरी दुख की बदली' की तरह था महादेवी वर्मा का जीवन, टाउन इण्टर कालेज बलिया ने किया याद
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बलिया। श्री मुरली मनोहर टाउन इण्टर कालेज में छायावाद की महान कवियत्री महादेवी वर्मा को उनकी 33वीं पुण्यतिथि पर याद किया गया। विद्यालय के शिक्षकों ने सोशल डिस्टेंस का पालन करते हुए महादेवी वर्मा के चित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हें याद किया।
विद्यालय के सभागार में आयोजित कार्यक्रम में शिक्षकों के साथ वेवीनार के माध्यम से विद्यालय के छात्रों ने भी हिस्सा लिया। हिन्दी प्राध्यापक लालचन्द्र ने कहा कि महादेवी वर्मा को आधुनिक युग की मीरा कहा जाता है। उन्होंने अपनी रचनाओं के माध्यम से छायावाद में एक नए युग का सूत्रपात किया था। उनका पूरा जीवन 'मैं नीर भरी दुख की बदली' की तरह था। रविन्द्र राय ने कहा कि महादेवी वर्मा जी की साहित्य साधना उच्च कोटि की थी। वह तपस्विनी की तरह जीवन व्यतीत करती थीं। हिन्दी साहित्य में उनका योगदान चिरस्मरणीय बना रहेगा। कार्यक्रम का आरम्भ प्रधानाचार्य अखिलेश कुमार सिन्हा ने महादेवी जी के चित्र पर माल्यार्पण कर किया। विद्यालय के शिक्षक पंकज कुमार, अभिषेक पाठक, अखिलेश श्रीवास्तव, सौरभ राय, दिनेश श्रीवास्तव, सचिन सिंह, गुरुस्वरूप आदि ने पुष्पांजलि अर्पित कर महादेवी जी को नमन किया।
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