बलिया : कभी गांव की प्रधान थी ज्ञांती सिंह
मनियर, बलिया। वैश्विक महामारी कोविड-19 में किसी को भोजन की दिक्कत न हो, इसलिए सरकार ने मुफ्त राशन वितरण किया। लेकिन सिस्टम की मनमानी के चलते आज भी कुछ गरीब सरकार की इन योजनाओं से वंचित है। इसमें ऐसे लोग भी वंचित है, जो कभी प्रधान थी। ज्ञांती सिंह 2005 से 2010 तक बलिया जनपद के मनियर विकास खंड अंतर्गत सरवार ककरघट्टी की प्रधान थी। इनके पास अंतोदय कार्ड था, लेकिन राजनीतिक साजिश के तहत इनका राशन कार्ड काट दिया गया है। पूर्व प्रधान ज्ञांती सिंह तो राशन कार्ड कटवाने का सीधा आरोप वर्तमान प्रधान पर लगा रही है। पूर्व प्रधान दर-दर की ठोकरें खा रही है। ज्ञांती सिंह के पास आय का कोई साधन नहीं है। पति ओमप्रकाश सिंह प्राइवेट बस पर रहते हैं। अक्सर बीमार रहने के कारण ठीक से ड्यूटी नहीं कर पाते हैं। एक भी डिसमिल जमीन नहीं है। यह तो मात्र एक उदाहरण है। ऐसे कई लोग भी हैं, जो राशन कार्ड के लिए ऑनलाइन आवेदन करने व राशन कार्ड सूची में नाम दर्ज कराने के लिए अधिकारियों के यहां चक्कर लगाने में अक्षम है। इनका जीवन भाग्य भरोसे ही कटता है। इनका भला तभी हो सकता है, जब कैंप लगाकर इनकी राशन सूची में नाम दर्ज किया जाय। क्षमता से अधिक यूनिट होने के कारण मनमाने तरीके से यूनिट काटकर घटा दिया गया है। इसके कारण कई परिवारों में सदस्यों की संख्या होते हुए भी उनकी यूनिट कम हो गई है।
वीरेन्द्र सिंह
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