बिटिया की खातिर शिकवे-गिले भुलाकर एक हुए पति-पत्नी
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बलिया। औलाद का दर्द क्या होता है,यह पति-पत्नी से बेहतर भला कौन समझा सकता है। तभी तो तकरीबन डेढ़ वर्ष एक-दूसरे से तलाक लेने के लिए अदालत की डेहरी पर मत्था रगड़ने वाले पति-पत्नी बुधवार को अपनी मासूम बेटी के लिए सारे शिकवे गिले भुलाकर एक हो गये। हालांकि इसमें परिवार परामर्श एवं सुलह समझौता केन्द्र का भी अहम योगदान रहा,जिसके अनथक प्रयासों की बदौलत पारिवारिक विधटन के मुहाने पर खड़े परिजनों के चेहरे पर मुस्कान लोटने लगी।
हल्दी थाना क्षेत्र के राजपुर एकौना निवासी शिवानंद की पुत्री रंजीता देवी उर्फ सोनी की शादी छपरा ;बिहारद्ध के कोतवाली थाना क्षेत्र अंतर्गत राजाजी की गली कटरा भगवान बाजार निवासी प्रहलाद प्रसाद के पुत्र महादेव उर्फ गुड्डू के साथ 29 नवम्बर 2012 को हुई थी। शादी के 5 साल बाद ही किसी बात को लेकर पति पत्नी में मनमुटाव शुरू हो गया। यह इतना बढ़ा की दोनों तरफ से कई मामले विभिन्न न्यायालयों में चलने लगे। इसमें एक मुकदमा रंजीता देवी द्वारा भरण पोषण का प्रथम न्यायाधीश परिवार न्यायालय में चल रहा था, जिसकी फाइल परिवार परामर्श एवं सुलह समझौता केंद्र में भेजा गया। परिवार परामर्श केंद्र में मुकदमा की फाइल आने के बाद दोनों पक्षों के अधिवक्ता नवीन सिंह, सत्येन्द्र कुमार सिंह व संधिकर्ता श्रीमती अनिता ओझा द्वारा पति-पत्नी के बीच मनमुटाव को दूर कराने के प्रयास शुरू हो गये। उनका प्रयास रंग लाया और दोनों पति-पत्नी एक बार फिर एक साथ पारिवारिक जीवन निर्वाह करने का आश्वासन देते हुए एक हो गए। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव अनिल कुमार ने पति पत्नी को मंगल कामना के साथ समझौता केन्द्र से घर के लिये भेज दिया।
आठ साल की बच्ची का बचा भविष्य
बलिया। महादेव उर्फ गुड्डू व रंजीत देवी उर्फ सोनी की लगभग आठ साल की एक बच्ची भी है। इन दोनों के बीच विवाद का असर भविष्य में बच्ची पर पड़ सकता था । दोनों के बीच समझौता हो जाने से उसका भी बच गया।
By-Ajit Ojha
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