एक सप्ताह बाद भी घोड़ा लूट कांड का पुलिस ने नहीं दर्ज किया एफआईआर

एक सप्ताह बाद भी घोड़ा लूट कांड का पुलिस ने नहीं दर्ज किया एफआईआर



# पीड़ित पर सुलह करने का बना रही दबाव


बलिया। खेजूरी थाना क्षेत्र के पिपरा कला अहिरौली गांव में विगत 13 जून को घोड़ा एवं रुपए छीने जाने के मामले में अभी तक पुलिस मुकदमा दर्ज नहीं की है। पीड़ित बिजयानंद सिंह उर्फ बब्लू सिंह निवासी खड़सरा थाना खेजूरी प्रतिदिन थाने का चक्कर लगा रहे हैं। आरोप है कि थानाध्यक्ष खेजूरी घोड़ा मंगवा दने की दिन प्रतिदिन झूठा आश्वासन देकर मामले को टाल रहें हैं। कभी कह रहे हैं कि  पंचायत के माध्यम से हल निकाल लो।थाने पर भी पंचायत हुई फिर भी घोड़ा छीनने वाले पंचायत का उल्लंघन कर रहे हैं। उक्त आरोप विजयानंद सिंह उर्फ बब्लू सिंह का है ।बताते चलें कि रतसर कला टांड़ी पर से 13 जून 2019 की रात में घुड़दौड़  कराने के बाद खेजुरी थाना क्षेत्र के खड़सरा निवासी विजयानंद सिंह उर्फ बब्लू सिंह अपना घोड़ा लेकर अपने घर आ रहे थे कि बीच रास्ते में स्कॉर्पियो लगाकर कथित तौर पर उनका घोड़ा और बख्शीश में मिले रुपये असलहे के बल पर छिन लिया। विजयानंद सिंह को भी स्कॉर्पियो पर हमलावर लाद रहे थे कि उन्होंने हाथ में लिए चाबुक से एक के ऊपर वार कर दिया। चाबूक की चोट से एक हमलावर गिर गया । तब तक शोरगुल सुनकर पिपरा कला अहिरौली गांव के ग्रामीण दौड़ पड़े। स्कार्पियो सवार हमलावर स्कॉर्पियो  एवं घोड़ा लेकर भाग गए। ग्रामीणों ने एक हमलावर को पकड़ कर खेजुरी थाने की पुलिस को बुलाकर सौंप दिया। उस वक्त 100 नंबर पुलिस को भी विजयानंद सिंह डायल किए लेकिन फोन कनेक्ट नहीं हुआ। विजयानंद सिंह का कहना है कि उसी रात जब हम लोग थाने पर पहुंचे तो थाना अध्यक्ष ने कहा कि सुबह आइए आरोपियों के विरुद्ध कार्यवाही की जाएगी। दूसरे दिन जब वह थाने पर गए तो थानाध्यक्ष ने फोन करके घोड़ा छीनने वालों से कहा कि घोड़ा लेकर के चले आओ नहीं तो तुम्हारे खिलाफ तहरीर लिख दी जाएगी लेकिन घोड़ा छीनने वाले लोग अगल-बगल के सम्मानित लोगों को काफी देर बाद लेकर आए और थाने में पंचायत हुई।

 पंचायत के बाद पकड़ा गया आरोपी को पुलिस ने छोड़ दिया ।पीड़ित विजयानंद सिंह का कहना था कि  मुझे आरोपी ने दिसंबर 2018 में शारीरिक रूप से हीन तथा कटाह घोड़ा इस शर्त पर दिया था कि मुझे घोड़े की कीमत एक साल बाद पच्चीस  हजार रुपये लौटा दीजिएगा। जब मैं अपने यहां खिला पिला कर घोड़ा ठीक कर दिया तथा घोड़ा रेस में अव्वल आने लगा तो आरोपी को लालच हो गया और कहने लगा कि मुझे पैसा नहीं मेरा घोड़ा ही चाहिए। जब मैं घोड़ा देने से मना किया तो उसने रात में 10:00 बजे असलहे के बल पर स्कॉर्पियो से घेरकर घोड़ा छीन लिया। थाने परिसर में पंचायत में तय हुआ कि आरोपी 14 जून को सायं घोड़ा लेकर थाने पर आएगा तथा बबलू सिंह उन्हें पच्चीस हजार रुपये दे देंगे तथा आरोपी घोड़ा वापस कर देगा। उक्त पंचायत के बाद भी आरोपी न तो घोड़ा दे रहा है और न ही पुलिस एफ आई आर दर्ज कर रही है। जबकि पीड़ित प्रतिदिन थाने का चक्कर लगा रहा है। इस संदर्भ में पीड़ित ने पूरे  मामले की चर्चा करते हुए पुलिस अधीक्षक बलिया को न्याय दिलाने के लिए प्रार्थना पत्र दिया है ।जिसमें थाने के एक दीवान के विरुद्ध घोड़े दिलाने के एवज में  रिश्वत मांगे जाने की भी चर्चा की गई है। इसके बावजूद भी थानाध्यक्ष खेजूरी द्वारा उन्हें न्याय नहीं दिलाया जा रहा है। पीड़ित का पुलिस अधीक्षक से कार्यवाही का भरोसा है।


By-Ajit Ojha

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