मनरेगा में हो रहा धड़ल्ले से जेसीबी का प्रयोग, विभाग ने साधी चुप्पी
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चिलकहर (बलिया) । भले ही शासन स्तर से मनरेगा योजनान्तर्गत सम्पर्क मार्गो का निर्माण मजदूरों से कराये जाने का निर्देश दिया गया है, जिला प्रशासन द्वारा भले ही इसके कडाई से अनुपालन कराने का दावा किया जा रहा है, लेकिन सब हवा हवाई है, वस्तु स्थिति कुछ और है।
शासनादेश के अनुसार मनरेगा योजनान्तर्गत मिट्टी से सडक का निर्माण मजदूरों के माध्यम से करा माप के बाद उसका भुगतान श्रमिक उपस्थिति पंजिका के आधार पर किया जाना है परन्तु दबंग ग्राम प्रधान शासनादेश को अनदेखा कर जिला प्रशासन के दावे को धत्ता बता कमीशनऔर अपने राजनैतिक रसूख के बल पर किस प्रकार कायदे कानून का माखौल उडाते हुए नियम विरुद्ध जेसीबी मशीन से सम्पर्क मार्गों का निर्माण कार्य कराते है इसको ग्राम पंचायत सवँरा मे देखा जा सकता है। जहां ग्राम प्रधान रोजगार सेवक तथा लोकसेवकों की मिलीभगत से मनरेगा का कार्य जेसीबी से कराया वास्तविक कार्य के सापेक्ष बहुत अधिक का प्राकलन एवं माप पंजिका गठित करा, कूटरचित अभिलेख सृजन के आधार पर सार्वजनिक धन का बन्दरबांट किया जा रहा है।
ग्राम पंचायत सँवरा के वरिष्ठ समाजसेवी द्वय अजय कुमार शर्मा और अंजनी कुमार सिह ने हमारे प्रतिनिधि को एक वीडियो देते हुए बताया कि ब्लाक चिलकहर की ग्राम पंचायत सँवरा मे ग्राम प्रधान द्वारा मनरेगा योजना अन्तर्गत सडक का निर्माण जेसीबी मशीन से कराया जा रहा था। इसका संज्ञान जनपद स्तर के सभी अधिकारियों को दुरभाष से कराया गया, मौका पर आये बीडीओ चिलकहर, एवं एपीओ मनरेगा द्वारा जेसीबी से कार्य होना भी देखा गया फिर भी दवंग प्रधान द्वारा कार्य जारी रखा गया बीडीओ सहित आये अधिकारी वैरंग वापस चले गये।
अंजनी कुमार सिह ने बताया कि वैसे तो सवँरा मे ग्राम प्रधान द्वारा शासन स्तर से विभिन्न योजनाओं अन्तर्गत विकास हेतु दिये गए धन मे घोर अनियमितता किया गया है जिसकी जांच हेतु वीरेंद्र कुमार सिह निवासी सवँरा द्वारा माननीय उच्च न्यायालय मे योजित याचिका पर विचार करते हुए माननीय न्यायालय द्वारा जाँच हेतु दो माह पूर्व आदेश भी पारित हो चुका है। फिर भी ग्राम प्रधान और रोजगार सेवक द्वारा हमेशा की तरह मनरेगा का कार्य नियम विरुद्ध जेसीबी मशीन से ही कराया जाता रहा है, इससे भिज्ञता के बाद भी विभाग के कर्मचारी एवं बीडीओ मनरेगा द्वारा कमीशन एवं प्रधान के राजनैतिक प्रभाव मेआकार जेसीबी मशीन से कराये गये कार्यों का कुछ दिनों बाद वास्तविक कार्य से अधिक कार्य होना दिखा फर्जी बील वाऊचर एवं कूट रचित अभिलेख सृजित करा भुगतान कर दिया जाता हैं। जो एक लोकसेवक के आचरण के विरूद्ध नैतिक अधमता अन्तर्वलित अपराध है।
समाजसेवी अजय कुमार शर्मा ने शासन प्रशासन को इस संबंध वीडियो सहित शिकायती पत्र सम्प्रेषित कर दोषियों के विरूद्ध नियमानुसार वैधानिक कार्यवाही की मांग की है।
रिपोर्ट संजय पांडेय
Tags: गांव जवार
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