33 साल की सेवा के बाद नियुक्ति का अनुमोदन वापस लेना मनमाना फैसला, हाई कोर्ट से शिक्षक को मिली बड़ी जीत

33 साल की सेवा के बाद नियुक्ति का अनुमोदन वापस लेना मनमाना फैसला, हाई कोर्ट से शिक्षक को मिली बड़ी जीत

प्रयागराज : 33 साल की अध्यापक की सेवा पूरी करने व सेवानिवृत्ति के बाद शिकायत पर Appointment अनुमोदन वापस लेने सम्बंधित जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कुशीनगर के आदेश को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मनमाना तथा अवैध करार दिया है। वहीं, याची अध्यापक शंभू राव को छः फीसदी ब्याज सहित समस्त सेवा जनित परिलाभो का हकदार माना है। यह आदेश जस्टिस अजित कुमार और जस्टिस स्वरूपमा चतुर्वेदी की बेंच ने प्रबंध समिति डा राजेंद्र प्रसाद इंटर कालेज की विशेष अपील को खारिज करते हुए दिया है।

बता दें कि सहायक निदेशक बेसिक शिक्षा गोरखपुर ने जूनियर हाईस्कूल में तीन पद (Appointment) सृजित किया, जिस पर याची सहित तीन सहायक अध्यापक चयनित (Appointment ) हुए। दो ने ज्वाइन कर लिया, किन्तु याची शंभू राव की बीएड डिग्री मान्य न होने के कारण नियुक्ति स्थगित रही। 1989 में अनुमोदन मिलने के बाद राव की Appointment बाद में डीएलएड के समकक्ष डिप्लोमा लेने के बाद प्रबंध समिति ने राव की नियुक्ति का बीएसए से अनुमोदन मांगा।

2 मार्च 1089 को अनुमोदन मिलने के बाद राव की नियुक्ति (Appointment) की गई। नियमित वेतन मिलता रहा और वह 33 साल की सेवा के बाद 31 मार्च 2022 को सेवानिवृत्त हुए। इससे पहले 2020 में राजेश कुमार सिंह की शिकायत पर जिलाधिकारी के आदेश पर बीएसए कुशीनगर ने प्रबंधन से याची राव की नियुक्ति के दस्तावेज मांगे। 1 मार्च 2021 को राव का वेतन रोक दिया गया, जिसे हाईकोर्ट में चुनौती दी गई।

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कोर्ट के निर्देश पर वेतन भुगतान जारी रहा और वह सेवानिवृत्त हो गये। इसके बाद मई 22 में बीएसए ने नियुक्ति (Appointment ) अनुमोदन वापस ले लिया, जिसे हाईकोर्ट ने रद कर दिया। इसी आदेश को प्रबंध समिति ने अपील में चुनौती दी थी। आदेश का पालन नहीं करने पर दाखिल अवमानना याचिका के कारण याची को 2930443 रुपये का भुगतान 2025 में किया गया।

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याची ने देरी के लिए 10 फीसदी ब्याज मांगा। कोर्ट ने कहा प्रबंध समिति की अपील तय होने निर्भर रहेगी, जिस पर याची ने भी विशेष अपील दाखिल की। प्रबंध समिति व याची दोनों की अपीलों की सुनवाई हुई। समिति की अपील खारिज कर दी गई और याची की अपील निर्देश के साथ निस्तारित कर दी गई है। याची अध्यापक को छ​ह फीसदी ब्याज सहित परिलाभो के भुगतान का रास्ता साफ हो गया है।

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