UP में नीले ड्रम से भी खौफनाक वारदात : इंजीनियर बेटे ने मां-बाप के किए 6 टुकड़े, बोरी में भरकर नदी में फेंकी लाश




उत्तर प्रदेश के जौनपुर में दिल दहला देने वाला हत्याकांड सामने आया है। एक बेटे ने अपने मां-बाप बड़ी बेरहमी से मौत के घाट उतार दिया। इसके बाद उनके शवों के टुकड़े कर नदी में फेंक दिया। घटना का खुलासा होते ही पुलिस ने बेटे को गिरफ्तार कर लिया। अब शवों को बरामद करने की कोशिश चल रही है।
जौनपुर : इंजीनियर बेटे ने अपने मां-बाप की सिर कूचकर न सिर्फ हत्या की, बल्कि दोनों शवों को आरी से काटकर कई टुकड़े कर दिए। यही नहीं, शवों के टुकड़ों को सीमेंट की बोरी में भरकर बेलांव घाट पुल से गोमती नदी में फेंक दिया। मां-बाप का काम तमाम करने के बाद बहनों को बताया कि मां-बाप नाराज होकर कहीं चले गए हैं। इसके बाद 13 दिसंबर को बहन वंदना ने जफराबाद थाने में शिकायत की तो पुलिस जांच में जुटी। पुलिस ने मामले का पर्दाफाश कर दिया।
रेलवे से रिटायर श्यामबहादुर (62), पत्नी बबिता (60) के साथ जफराबाद थानांतर्गत अहमदपुर के पास लबे रोड पर मकान बनवा कर रह रहे थे। उन्हें तीन बेटियां और एक बेटा अम्बेश था। अम्बेश ने बीटेक किया था। जून में ही श्यामबहादुर रेलवे से रिटायर हुए थे। अम्बेश ने 5 साल पहले कोलकाता में ब्यूटी पार्लर चलाने वाली मुस्लिम लड़की से शादी कर ली थी, लेकिन उसकी इस शादी से परिवार खुश नहीं था। इसी कारण आजतक अम्बेश की पत्नी ससुराल नहीं आ सकी। इस शादी को लेकर आए दिन घर में विवाद होता रहता था। शादी के बाद अम्बेश को दो बच्चे भी हुए। बावजूद इसके उसका परिवार उनको नहीं अपनाया।
पिता श्यामबहादुर अक्सर बेटे से अपनी शादी खत्म करने को कहा करते थे। मां-बाप की जिद के आगे अम्बेश ने पत्नी से रिश्ता खत्म कर लेने की सहमति बना ली। इसके लिए उसे 5 लाख रुपये चुकाने थे। बीते 8 दिसंबर को अम्बेश ने पिता से पैसे मांगे। इस पर पिता ने मना कर दिया। बात इतनी बढ़ गई कि अम्बेश और मां बबीता में हाथपाई भी होने लगी। इसी दौरान गुस्से में आकर अम्बेश ने पास रखे लोहे के लोढ़े से मां के सिर पर वार कर दिया। सिर पर चोट लगते ही बबीता वहीं गिर कर तड़पने लगीं। यह देख पिता चिल्लाने लगे। उन्होंने मोबाइल फोन से किसी को कॉल लगाकर बताने की कोशिश की, तब तक अम्बेश ने उनके सिर पर भी ताबड़तोड़ प्रहार शुरू कर दिया। इससे वे भी जमीन पर गिरकर तड़पने लगे। थोड़ी ही देर बाद दोनों की मौत हो गई।
मां-बाप की हत्या के बाद अम्बेश शवों को जल्द ठिकाने लगा देना चाहता था। शवों को वहां से हटाने के लिए किसी बड़े बैग या बोरे की तलाश की, लेकिन नहीं मिला। नीचे गैरेज के पास उसे सीमेंट की खाली बोरियां मिलीं, जो छोटी थी। शवों को इन बोरियों में डालने के लिए उसने शरीर के टुकड़े करने की ठान ली। गैरेज से उसे एक आरी भी मिल गई। फिर उसने पहले मां के शव के टुकड़े करने शुरू किए। सिर से कमर तक फिर कमर से घुटने तक और घुटने से पंजे तक का हिस्सा अलग कर दिया। ऐसे ही पिता के भी शव के टुकड़े कर दिए।
मां-माप की जघन्य हत्या के बाद अम्बेश ने आरी से काटकर शवों के टुकड़े कर दिया। इसके बाद इन शवों को बोरे में डालकर कार की डिकी में भर लिया। सुबह करीब पांच बजे अंधेरे में वो कार लेकर निकल गया। घर से थोड़ी दूर बेलांव पुल से उसने शवों को नदी में फेंक दिया। फिर वहां से घर चला आया। बात यही खत्म नहीं हुई, उसने हत्याकांड का रूप बदलने की योजना बनाई। उसने अपनी शादीशुदा बहन वंदना को फोन कर बताया कि मां और पिता से उसका झगड़ा हो गया था। इससे नाराज होकर दोनों घर से कहीं चले गए हैं। वो भी उन्हें ढूंढने जा रहा है। इसके बाद अम्बेश का मोबाइल फोन ऑफ हो गया। बहन वंदना 13 दिसम्बर को जफराबाद थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई।
वंदना ने माता-पिता और भाई के गुम हो जाने की खबर पुलिस को दी तो सभी का माथा ठनका। पहले मां-बाप और फिर बेटे के गायब हो जाने की थ्योरी किसी के गले नहीं उतर रही थी। पुलिस जांच में शक की सुई अम्बेश की तरफ जाने लगी। 15 दिसंबर को जब पुलिस ने अम्बेश को हिरासत में लिया तो उसने पुलिस टीम को खूब गुमराह किया, लेकिन 8 दिसंबर की खौफनाक वारदात पुलिस के सामने बयान कर दी। हत्यकांड से पर्दा उठा तो पुलिस शवों की तलाश में जुट गई। अम्बेश के बताए जगह से खोजबीन शुरू हुई। कुछ घंटों बाद पिता के शव का एक हिस्सा पुलिस को बरामद हो गया। घर से आरी और बट्टा भी बरामद कर लिया गया। एएसपी सिटी आयुष श्रीवास्तव ने बताया कि शवों की बरामदगी के लिए गोताखोरों की कई टीम केराकत तक लगी हुई है। स्टीमर से नदी के हर तरफ खोजबीन की जा रही है। पैसों के लिए ही अम्बेश ने माता और पिता को मौत के घाट उतार दिया।

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