बेसिक शिक्षा विभाग में रसोईयो के नाम पर घोटाला : डीसी एमडीएम समेत सात की संविदा समाप्त, पांच पर मुकदमा




कौशाम्बी। कौशाम्बी में फर्जी रसोइयों के नाम पर मानदेय आहरित करने के आरोप में न सिर्फ सात कर्मचारियों की संविदा समाप्त की गई है, बल्कि एमडीएम समन्वयक समेत पांच के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज कराया गया है। वहीं, पर्यवेक्षण में लापरवाही बरतने पर छह खंड शिक्षा अधिकारियों के खिलाफ महानिदेशक को पत्र लिखकर विभागीय कार्रवाई की संस्तुति की गई है। एक साथ इतनी बड़ी कार्रवाई से बेसिक शिक्षा विभाग में खलबली मच गयी है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, बीएसए कार्यालय में तैनात MDM के जिला समन्वयक समेत सात कर्मचारी फर्जी रसोइयां बन खुद व रिश्तेदारों के खाते में मानदेय का लाखों रुपये भेजकर खा गए। जांच में मामला सामने आने के बाद डीएम सुजीत कुमार ने सातों कर्मचारियों की संविदा समाप्त करने के साथ ही पांच के खिलाफ एफआईआर दर्ज करा दी है। इसके अलावा पर्यवेक्षण में लापरवाही बरतने वाले छह खंड शिक्षाधिकारियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई के लिए महानिदेशक स्कूल शिक्षा को संस्तुति की गई है।
ऐसे खुला राज
बीतें दिनों रसोइयों को मानदेय मुहैया कराने के लिए शासन से बजट आवंटित हुआ था। इस पर बीएसए ने सभी खंड शिक्षाधिकारियों से रिपोर्ट मांगी। खंड शिक्षाधिकारी सिराथू सुरेंद्र पटेल ने हाजिरी सत्यापन कराने के लिए रसोइयों की सूची व्हाट्सएप ग्रुप पर डालकर स्कूलों के प्रधानाचार्यों से जानकारी मांगी। इस दौरान कुछ विद्यालयों से जानकारी मिली कि सूची में दर्ज रसोइयां उनके यहां नियुक्त नहीं हैं। खंड शिक्षाधिकारी ने इसकी जानकारी बीएसए प्रकाश सिंह को दी। मामला जिलाधिकारी के संज्ञान में आया तो उन्होंने बीएसए के साथ ही वित्त एवं लेखाधिकारी विनय प्रजापति की दो सदस्यीय टीम गठित कर जांच का निर्देश दिया। जांच में चौंकाने वाला खुलासा हुआ। बीएसए ने बताया कि वर्ष 2019 से 22 के बीच 45 फर्जी रसोइयों के नाम से कार्यालय में तैनात जिला समन्वयक एमडीएम पंकज जायसवाल समेत पांच कर्मचारी अपने व अपने रिश्तेदारों के खाते में मानदेय भेज रहे थे। इन लोगों ने 7.42 लाख रुपये की धनराशि का गबन किया है। इस कार्यालय में दो अन्य कर्मचारी भी सहयोग करते थे। इसके अलावा संबंधित खंड शिक्षाधिकारियों ने पर्यवेक्षण में लापरवाही की। रिपोर्ट के आधार पर डीएम ने सात कर्मचारियों की संविदा समाप्त करते हुए पांच कर्मचारियों के खिलाफ एफआईआर कराया गया है।
इनकी हुई संविदा समाप्त
पंकज कुमार जायसवाल-जिला समन्वयक एमडीएम
राजकुमार चौरसिया, तत्कालीन कम्प्यूटर ऑपरेटर/एमडीएम पटल प्रभारी मूरतगंज (वर्तनाम तैनाती कम्प्यूटर ऑपरेटर कड़ा ब्लॉक)
विनय कुमार गुप्ता, तत्कालीन कम्प्यूटर ऑपरेटर/एमडीएम पटल प्रभारी सिराथू (वर्तमान तैनाती कम्प्यूटर ऑपरेटर सरसवां ब्लॉक)
मो. नाशिद, अनुदेशक उच्च प्राथमिक विद्यालय पिंडरा/एमडीएमपटल प्रभारी मंझनपुर ब्लॉक
प्रदीप सिंह, कम्प्यूटर ऑपरेटर सरसवां
नीरज जायसवाल, कम्प्यूटर ऑपरेटर-एमडीएम
आलेप कुमार कंप्यूटर आपरेटर सिराथू
विभागीय कार्रवाई के लिए शासन को भेजा गया पत्र
जवाहर लाल यादव, तत्कालीन एबीएसए सिराथू (वर्तमान तैनाती एबीएसए मुख्यालय कौशाम्बी)
राजेश कुमार, तत्कालीन एबीएस सिराथू (वर्तमान तैनाती एबीएसए जनपद चित्रकूट)
चंद्रमोहन सिंह, एबीएसए मंझनपुर
मुकेश नारायण मिश्र, तत्कालीन एबीएसए मूरतगंज (वर्तमान निलम्बित एबीएसए सम्बद्ध डायट मंझनपुर)
किरन पांडेय, तत्कालीन एबीएसए मूरतगंज (वर्तमान तैनाती एबीएसए कड़ा)
मिथिलेश कुमार, तत्कालीन एबीएसए सरसवां (वर्तमान तैनाती एबीएसए जनपद चित्रकूट)

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