प्रेमी के साथ मिलकर उजाड़ दिया था अपना सुहाग, दोनों को आजीवन कारावास
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शाहजहांपुर : जहर देकर पति की हत्या के जिस मामले में पुलिस ने पत्नी, साढ़ू और सास के खिलाफ साक्ष्य नहीं मिलने पर फाइनल रिपोर्ट लगा दी थी, उसी मामले में कोर्ट ने पति की हत्या के मामले में पत्नी और उसके साढ़ू को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। साथ ही 40-40 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया। सास की मुकदमे के दौरान मौत हो चुकी है।
मुकदमे के अनुसार 09 नवंबर 2008 को एमनजई जलालनगर स्थित अपनी ससुराल में रह रहे कालीचरण को उसका साढ़ू सर्वेश बुलाकर ले गया। अगले दिन कालीचरण की पत्नी निशा, साढ़ू सर्वेश और सास चमेली देवी किसी वाहन से उसके शव को गदियाना मोहल्ले के जामिया फातिमा मदरसे के पास डालकर चले गए। उस वक्त कालीचरण के पिता नत्थू और उसके दो पड़ोसियों ने उन्हें ऐसा करते हुए देख लिया था। कालीचरण की बहन सरस्वती ने 11 नवंबर 2008 को जहर देकर हत्या का आरोप लगाते हुए तीनों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी। पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर ली थी, लेकिन साक्ष्य न मिलने पर 26 दिसंबर 2008 को फाइनल रिपोर्ट लगा दी।
इस पर कालीचरण की बहन सरस्वती ने अदालत में प्रोटेस्ट प्रार्थना पत्र दाखिल किया था। अदालत ने प्रार्थना पत्र स्वीकार करते हुए पुलिस की फाइनल रिपोर्ट निरस्त कर दी और सभी आरोपियों को तलब किया। सुनवाई के दौरान गवाहों के बयानात और सरकारी वकील उमेशचंद्र अग्निहोत्री के तर्क सुनने के बाद द्वितीय फास्ट ट्रैक कोर्ट के अपर सत्र न्यायाधीश नरेंद्र नाथ पांडेय ने सर्वेश और निशा को कालीचरण की हत्या का दोषी माना और आजीवन कारावास की सजा सुनाई। सजा सुनाने के बाद दोनों को जेल भेज दिया गया।
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