तिरंगे में लिपटकर घर पहुंचा बलिया का लाल, रो पड़ा गांव-जवार



बलिया : तिरंगे में लिपटे जवान का शव बुधवार को जैसे ही पैतृक गांव पहुंचा, कोहराम मच गया। अपने लाल के अंतिम दर्शन को पूरा इलाका ही उमड़ पड़ा। वहीं, परिवार में करुण-क्रंदन व चीत्कार मचा रहा। मां बिंदू देवी, पत्नी स्नेहलता यादव और साला राहुल यादव की हालत देख मौजूद हर शख्स की आंखें भर आईं। पत्नी स्नेहलता की यह पुकार कि बेटा अब पापा किसे कहेगा ? सुनकर माहौल गमगीन हो उठा। जवान का अंतिम संस्कार मठिया गुलौरा तट पर ससम्मान किया गया, जहां मुखाग्नि पिता हृदय नारायण यादव ने दी।
उभांव थाना क्षेत्र के सोनाडीह गांव निवासी सेना के जवान अनूप यादव (30) की तैनाती सिलीगुड़ी (पश्चिम बंगाल) में थी। सोमवार की रात सड़क दुर्घटना में जवान अनूप की मौत हो गई थी। बुधवार की सुबह उनका पार्थिव सेना के वाहन से पैतृक गांव पहुंचा, तो पूरे गांव में मातम छा गया। सुबह से ही हजारों ग्रामीण और आसपास के लोग अपने सपूत के अंतिम दर्शन के लिए उमड़ पड़े थे।
पूरा गांव 'भारत माता की जय', वंदे मातरम् और अनूप यादव अमर रहें के नारों से गूंज उठा। जवान अपने पीछे पत्नी, पुत्र और गर्भस्थ शिशु छोड़ गए हैं। उनकी शादी 14 फरवरी 2017 को लैरो (मऊ) निवासी स्नेहलता से हुई थी। जवान के घर पर पूरे दिन जनप्रतिनिधियों, अधिकारियों और ग्रामीणों का तांता लगा रहा। सांसद रमाशंकर राजभर, समाजसेवी दिनेश यादव ‘रक्षक’, रितेश यादव ‘रक्षक’, जनार्दन यादव, सोनू यादव ‘फाइटर’, पतिराम यादव, एसडीएम शरद चौधरी, सीओ रसड़ा आलोक गुप्ता तथा उभांव थानाध्यक्ष संजय शुक्ला सहित कई अधिकारी और जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे।
परिजनों ने जताई नाराजगी
सेना द्वारा हथियार न लाने के चलते उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर नहीं दिया जा सका, जिससे परिजनों ने नाराजगी जताई। बड़े भाई सीआरपीएफ जवान पंकज यादव, जो वर्तमान में रायपुर (छत्तीसगढ़) में तैनात हैं, ने उपजिलाधिकारी शरद चौधरी से मांग की कि शहीद की पत्नी स्नेहलता यादव को सरकारी नौकरी दी जाए। उन्होंने बताया कि स्नेहलता गर्भवती हैं और पांच वर्षीय पुत्र आरव की परवरिश की जिम्मेदारी अब उनके कंधों पर आ गई है। इस पर एसडीएम ने मांगपत्र भेजने का आश्वासन दिया।

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