Covid19 : लॉक-डाउन में वरदान साबित हो रही एम्बुलेंस सेवा Ballia News
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बलिया। लॉक डाउन में जहां हर कोई घरों में रहने को मजबूर है, वहीं किसी भी मरीज को अस्पताल आने या अस्पताल से जाने में तकलीफ न हो रही। क्योंकि एम्बुलेंस कर्मचारी दिन रात एक किए हुए हैं। जिले में एम्बुलेंस सेवा के नोडल अधिकारी डॉ. गोविन्द प्रसाद चौधरी ने बताया कि वर्तमान में जनपद में लोगों के लिए 108, 102 और एएलएस सेवा नि:शुल्क उपलब्ध है।
जिले के 108 /102 /एएलएस के कार्यक्रम प्रबंधक अविनाश चन्द्र मिश्रा ने बताया कि बलिया में कुल 80 एम्बुलेंस कार्यरत हैं। जिनमें 102 की 38, 108 की 38 एवं एएलएस की 4 एम्बुलेंस हैं, जो 24 घंटे लोगों की सेवा के लिए तत्पर हैं। वर्तमान समय में कोरोना जैसी महामारी से निपटने में इनका अतुलनीय योगदान है। एम्बुलेंस के ईएमटी एवं पायलट इस कोविड 19 के ऐसे योद्धा हैं, जो मरीजों के जान की रक्षा के लिए 24 घण्टे तत्परता के साथ अपनी सेवा दे रहे हैं। बताया कि जिले के क्षेत्रीय प्रभारी रवि शंकर शर्मा, अभिषेक कुमार सिंह, मोबिन खान, अली राज खान भी अपने अपने प्रखण्ड के स्टाफ एवं अधीक्षक से समन्वय बनाकर एम्बुलेंस सेवा को सुचारू रूप से चलाने में अपना योगदान दे रहे हैं।
वहीं सेवा प्रदाता संस्था जीवीकेईएमआरआई के राज्य प्रमुख किशोर नायडू ने बताया कि एम्बुलेंस कर्मचारी और इमरजेंसी रिस्पांस सेंटर की टीम लोगों की सेवा के लिए युद्धस्तर पर अपनी सेवाएं दे रही है। लाकडाउन में बेहतर एम्बुलेंस सेवा से जहां कोरोना के प्रकोप से बचने में मदद मिल रही है वहीं हार्टअटैक या एक्सिडेंट समेत अन्य आपातकालीन समस्यों से निपटने में लोगों की हर संभव मदद की जा रही है। उन्होने कहा कि यह हमारे लिए गर्व की बात है हमारे सभी कर्मचारी स्वेछाभाव से एक योद्धा के रूप में सेवाएं दे रहे हैं।
उन्होने बताया कि वायरस कोविड-19 के प्रोटोकाल के मुताबिक कालसेंटर में कर्मचारियों के बीच की दूरी बढ़ा दी गई है। फील्ड में जाने वाले एम्बुलेंस कर्मचारी कोविड-19 के प्रोटोकाल को पूरी तरह फालो कर रहे हैं। जीवीकेईएमआरआई के राज्य प्रमुख ने बताया कि वर्तमान में यूपी में एम्बुलेंस सेवा 108 की 2200, एम्बुलेंस सेवा 102 की 2270 और एएलएस की 250 एम्बुलेंस 24 घंटे अपनी नि:शुल्क सेवा दे रही हैं।
दिव्यांग भी निभा रहे अहम भूमिका
संस्था के काल सेंटर में करीब 12 दिव्यांग कर्मचारी हैं। खास बात यह सभी कर्मचारी हर दिन अपनी ड्यूटी पर आ रहे हैं। कर्मचारियों ने बताया कि हमें छुट्टी लेने के लिए कहा गया था लेकिन किसी भी दिव्यांग कर्मचारी ने छुट्टी नहीं ली। कुलदीप, (दिव्यांग) ने बताया कि इस समय छुट्टी लेकर घर बैठ जाना बड़े ही शर्म की बात है। लोगों को आज मेरी जरूरत है। मैं स्वेच्छा से अपना कार्य कर रहा हूं। लोग घरों में हैं और मैं काम कर रहा हूं। यह मेरे लिए गर्व की बात है। वहीं मनवीर, (दिव्यांग) ने बताया कि मुझे पता चला कि लाक डाउन के कारण बहुत से लोग काल सेंटर नहीं पहुंच पा रहे हैं। यह जानते हुए मैं अपनी ड्यूटी जारी रखने का निर्णय लिया और ऐसे समय में लोगों की मदद करके अच्छा लग रहा है।
सचमुच के हैं योद्धा
पहले डर लग रहा था लेकिन अब कोई डर नहीं लगता है। हम सभी यहां 24 घंटे कार्य कर रहे हैं। ऐसे कठिन समय में हमें लोगों की मदद करने का मौका मिला है यह हमारे लिए एक सौभाग्य की बात है।
निर्मल आर्य, ईआरओ
सभी लोग घर पर हैं और हम यहां काल सेंटर में ड्यूटी कर रहे हैं। अब तो आर्मी वाली फीलिंग आ रही है ऐसा लग रहा है कि हम बार्डर पर हैं। लोगों को सेवाएं देते हुए गर्व की अनुभूति हो रही है।
हर्ष चौधरी, ईआरओ
मेरी पत्नी सीढ़ी से गिर गईं। लाकडाउन में हम लोग घबरा गए कि सरकारी अस्पताल जायें तो कैसे जाएं। फिर हमारे पड़ोसी ने 108 पर काल किया। हां, कुछ ही देर में एम्बुलेंस आ गई। फिर जिला अस्पताल पहुंच पाये।
संजय, मरीज का पति
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