नहीं चुकेगा ऋण तुम्हारा, स्वर्ग तुम्हारे पैरों में
Happy Mother's Day :
Ballia News : संपूर्ण रिश्तो में सर्वाधिक छोटा शब्द मां परंतु अर्थ व महत्व उतना ही विशाल व व्यापक। श्रीराम के शब्दों में 'मां और मातृभूमि स्वर्ग से भी बढ़कर है।'शिक्षक व कवि डॉ नवचंद्र तिवारी ने आगे बताया कि 'मिले जो ममता मां तुझसे, मिल नहीं सकता गैरों में। नहीं चुकेगा ऋण तुम्हारा, स्वर्ग तुम्हारे पैरों में।'
प्रति वर्ष मई माह के दूसरे रविवार को 'मदर्स डे' अर्थात मातृ दिवस मनाया जाता है। यद्यपि अमेरिका में 1908 में ही मदर्स डे की शुरुआत हो चुकी थी। तत्पश्चात धीरे-धीरे संपूर्ण संसार में इस दिवस को मनाया जाने लगा। इस दिन बच्चे व लोग अपनी मां को विविध उपहार देते हैं। वैसे मां का ऋण कभी चुकाया नहीं जा सकता। वह ममता की अथाह समंदर है। कुदरत ने उसमें बच्चों के गलतियों को क्षमा करने की अद्भुत सहनशीलता दी है। वह अपने बच्चों को केवल देना जानती है। वह कष्ट सहकर भी अपने बच्चों को हर हाल में खुश देखना चाहती है। मां बच्चों की प्रथम पाठशाला है। उसके संस्कार बच्चों पर अवश्य पड़ते हैं। हम कितना भी अपने जीवन में व्यस्त रहें परंतु मां की गोद, आंचल व छत्र छाया में जो सुकून मिलता है। वह अन्यत्र कहीं नहीं है। वर्तमान में मां के प्रति प्रधानमंत्री मोदी जी का अगाध प्रेम आप देख ही चुके हैं।
जीवन की आपाधापी में हम यदि कितने भी व्यस्त हों। फिर भी मां के लिए अनमोल वक्त निकालना ही चाहिए। शिवाजी की वीरता व महात्मा गांधी के महापुरुष बनने की पीछे उनके मां का ही हाथ था। ऐसे अनेक उदाहरण हैं। मां के बताए हुए रास्ते पर चलना व लक्ष्य प्राप्त करना ही उसके प्रति सच्ची सेवा, आदर व उपहार होगा।
डॉ नवचंद्र तिवारी, बलिया
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