भोजपुरी की मिठास में अश्लीलता जहर, यूपी के इस लोकगायक ने बनाया खात्मे का मिशन
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जौनपुर, बलिया। भोजपुरी की मिठास का विस्तार तेजी से हाे रहा है। इसकी पहुंच दुनिया भर में है, क्योंकि यहां के लोग हर जगह हैं। ये लोग जहां है, वहां अच्छी पोजीशन में हैं। वहीं, यूपी के जौनपुर जनपद अंतर्गत घमहापुर (नेवढ़िया बाजार) निवासी लोकगायक राकेश तिवारी बबलू अपनी गीत-संगीत के माध्यम से भोजपुरी भाषा की मिठास को और मीठा बनाने में जुटे है। 14 मई 1983 को जन्में राकेश तिवारी बबलू की सोच भोजपुरी गीत में अश्लीलता को रोकना है।
चर्चित गीत
नमामि नमामि दुर्गे
राम के देश का वासी हूं
ये मेरा उत्तरप्रदेश है
रखले बा माया भरमाई के
पहली बार आया हूं
देश के दीवाने
मां तेरे प्यार की कहानी
जवान सुगना इत्यादि
आने वाले गीत
सबके दाता राम
राम नाम गुड़गान करो
ए मालिन
भवानी तोहके निक लागे
और भी बहुत से गीत आने वाले हैं।
सवाल: गायकी के प्रति आपकी रुचि और अब तक के सफर के बारे मे क्या कहना चाहेंगे?
जबाब: बचपन से ही गीत संगीत के प्रति ज्यादा रुचि रही। सन्त समागम और भजन कीर्तन में नियमित रूप से भाग लेने के कारण रुझान बढ़ता गया। घर की स्थिति ठीक नहीं होने के कारण संगीत की कोई विशेष शिक्षा नही मिल सकी, पर मां का सपोर्ट हमेशा रहा। छोटी उम्र में शादी औऱ परिवार की बढ़ती जिम्मेदारी ने कुछ समय गीत संगीत से दूरी भी करवाई पर मन में गाने की ललक हमेशा बनी रही। मां की मृत्यु के बाद उनकी आखिरी इच्छा समझकर परिस्थितियों के संग समझौता करने लगा। गीत संगीत को जीवन में वापस लाने की पूरी कोशिश की। पत्नी का भी सहयोग और प्रोत्साहन सदैव मिला। धीरे-धीरे मैंने अश्लीलता फैलाने वाले गीतों से दूरी बनाते हुए माता के भजन और लोक गीतों से शुरुआत की।प्रतिस्पर्धा ज्यादा होने के कारण उम्मीद के हिसाब से सफलता नहीं मिली, पर मैंने कोशिश करना नही छोड़ा। अश्लील गीतों के बीच सामान्य और पारम्परिक गीतों को लोगों तक पहुंचाना बहुत बड़ी चुनौती रही। पर धीरे-धीरे अच्छे स्रोताओं का साथ और आशीर्वाद मिलता रहा, जिससे गीतों का कारवां आगे बढ़ता रहा।
सवाल : भोजपुरी अश्लीलता के लिए आपकी क्या सोच है ?
जबाब : भोजपुरी सिर्फ भाषा नहीं मेरी माँ है। मेरी पहली पहचान को गंदा नही करना चाहता।इसलिए गन्दे गीतों से खुद को दूर रखना चाहता हूं। अश्लीलता फैलाने वाले गीत न कभी गाया हूं न गाऊंगा। मुझे लगता है जो गीत मैं खुद अपनी बहन बेटियों के सामने नहीं गा सकता, उसे दूसरे की मां बहनों को सुनाने का कोई अधिकार नहीं।
सलिल गीतों के माध्यम से भोजपुरी के प्रति सबकी सोच बदलना चाहता हूं। जब तक गाऊंगा हमेशा ही ये प्रयास करता रहूंगा।
सवाल : आप सभी भोजपुरी कलाकार और स्रोताओं से क्या कहना चाहेंगे?
जबाब : सभी भोजपुरी कलाकारों से निवेदन करूंगा कि भोजपुरी की मर्यादा और अस्मिता को बनाये रखने में वो भी अपना सहयोग करें। स्रोताओं तक भोजपुरी की असली महक और मिठास पहुंचाने का प्रयास करें, जिससे भोजपुरी की पहचान बदली जा सकें।
बाकी सभी भोजपुरिया स्रोताओं से निवेदन है कि अश्लीलता फैलाने वाले गीतों का बहिष्कार करें।अच्छे पारम्परिक गीतों को सुने और सच्चे भोजपुरी गायकों का उत्साहवर्धन करें, जिससे वो आप सभी के साथ मिलकर भोजपुरी को नई दशा और दिशा दे सकें।
Tags: जौनपुर
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