ऊंची उड़ान : दरोगा का सिपाही बेटा बना असिस्टेंट प्रोफेसर, बलिया में चहुंओर खुशी




बलिया। नौकरी हासिल करने का जुनून सत्येंद्र यादव को पुलिस विभाग का हिस्सा बना दिया।किस्मत में वर्दी आई तो सत्येंद्र ने उसे लपकने में देर नहीं कीं। पुलिस की ट्रेनिंग पूरी कर सत्येंद्र ने नौकरी शुरू की, पर शुरू से मेधावी सत्येंद्र के मन में शिक्षक बनने की तमन्ना कायम रही। कॅरियर के पथ पर चलते हुए सत्येंद्र ने अपनी तमन्ना 'असिस्टेंट प्रोफेसर' बनकर पूरी कर ली है। सत्येंद्र की ऊंची उड़ान से न सिर्फ उनके घर-परिवार, बल्कि चहुंओर खुशी की लहर है।
नगरा ब्लाक क्षेत्र के खैरा निस्फी नबाबगंज निवासी सत्येंद्र यादव के पिता फूल चंद यादव आजमगढ़ में पुलिस विभाग में दारोगा (एसआई) है। सत्येंद्र शुरू से ही प्रतिभावान रहे है। 2005 में 72 प्रतिशत अंक से 10वीं, 2007 में 75 प्रतिशत अंक से 12वीं तथा 2010 में 68.33 प्रतिशत अंक से स्नातक उत्तीर्ण करने वाले सत्येंद्र 2011 में उत्तर प्रदेश पुलिस का हिस्सा बन गये, पर इनकी पसंद मास्टरी थी। लिहाजा पुलिस सेवा में समर्पित सत्येंद्र का 'मिशन मास्टरी' जारी रहा।
2012 में व्यक्तिगत स्टूडेंट के रूप में सत्येंद्र ने एमए की डिग्री पॉलिटिकल साइंस से प्राप्त की।पूर्वांचल 24 से बातचीत में सत्येंद्र ने बताया कि पुलिस की ड्यूटी ईमानदारी से करते हुए समय के हिसाब से पढ़ाई जारी रखा। 2013 में नेट क्वालीफाई करने के बाद प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी को और बल मिला। वाराणसी में बतौर सिपाही तैनात सत्येंद्र की झोली में मंगलवार को बड़ी खुशी आई। उत्तर प्रदेश उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग द्वारा घोषित चयन परिणाम (सामान्य सूची) में सत्येंद्र का चयन 'असिस्टेंट प्रोफेसर' के पद पर हो गया है।
एक सवाल के जबाब में सत्येंद्र ने बताया कि कॅरियर के पथ पर ईमानदार प्रयास कभी बिफल नहीं हो सकता। सत्येंद्र ने अपनी सफलता का श्रेय माता-पिता, चाचा के साथ ही परिवार के सभी सदस्यों को दिया। तीन भाईयों में सत्येंद्र सबसे बड़े है। छोटा भाई कमलेश यादव बेसिक शिक्षक है, जबकि आशीष भी शिक्षक की तैयारी में जुटे है।


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