Family ग्रुप की खुशी... बलिया के वरिष्ठ पत्रकार नरेन्द्र मिश्र की जुबानी

Family ग्रुप की खुशी... बलिया के वरिष्ठ पत्रकार नरेन्द्र मिश्र की जुबानी


वर्तमान परिवेश में संयुक्त परिवार का नाम लिया जाय तो शायद अटपटा सा लगता है, क्योंकि अलगाववाद की नशा में लीन समाज संयुक्त का मतलब भूलता जा रहा है। संयुक्त परिवार में रहकर बहुत कुछ त्याग करना पड़ता है। यही वजह है कि परिवार हंसी खुशी से चलता रहता है। 

जैसे ही मुझे मिली खबर, नाती 94 % अंक से दसवीं उत्तीर्ण हुआ

पत्रकारिता में रहकर समाज को देखना आसान है, परंतु परिवार की तरफ ध्यान नहीं जाता। इसका मुख्य कारण है कि मन में सन्तुष्टि रहती है, सब अच्छा चल रहा है। परिवार में सभी लोग हैं। कई समस्याओं से जूझते हुए पत्रकारिता हो रही है। निष्ठा के साथ आदमी लगा रहता है, ताकि कोई उंगली न उठा सके। मैं घर से बाहर था। दोपहर बाद परिवार के ग्रुप में लिखकर आया कि नाती 'पौत्र'  (मेरे बड़े भाई साहब के बड़े पौत्र व भूपेंद्र जी का बड़ा पुत्र) नवनीत 94 /% अंक से 10वीं कक्षा उत्तीर्ण कर लिये हैं। मैं कलेक्ट्रेट परिसर में था। बहुत अच्छा लगा। मेरे सगे भतीजा स्वीडन (विदेश) में धीरेंद्र मिश्र इंजीनियर हैं। उनकी खुशी वहीं से दिखी तो एक भतीजा शैलेन्द्र मिश्र नागपुर (महाराष्ट) रेलवे में गार्ड हैं। वो अलग खुशी जाहिर करने लगे। मुम्बई ला फर्म में कार्यरत सचिन मिश्र भतीजा वर्तमान में जयपुर हैं, उनकी खुशी अलग झलक रही थी। भतीजी नीशू (केवरा) गांव से ही  ऑनलाइन अंग्रेजी पढ़ाती हैं। भतीजी भी बेहद खुश थी। मेरे लिखने का उद्देश्य यह है कि जो जहां भी है, खुशी जाहिर करने लगा। मैं भी अपनी खुशी कैसे जाहिर करूं, यह बयां नहीं कर सकता। दरअसल मेरे बड़े नाती नवनीत माल्देपुर स्थित नागाजी वरिष्ठ विद्यालय में पढ़ते हैं। 94 % अंक अपनी मेहनत के बदौलत पाए हैं। मेरी शुभकामनाएं हैं कि वो अपने जीवन में पढ़ लिखकर न सिर्फ घर परिवार, बल्कि जनपद का नाम आगे बढायें। 



अभी तो 10वीं पास किया हूं, 12वीं के बाद सैन्य अधिकारी

नवनीत से जब मैंने बात किया। पढ़ने के दौरान मैंने नवनीत की मेहनत देखा है। सब से बड़ी बात कि नवनीत ने कोचिंग का सहारा नहीं लिया। परन्तु घर पर मेहनत अनवरत जारी रखा। इतना ही नहीं, नवनीत ने अपने 10वीं परीक्षा उत्तीर्ण होने की खुशी में पौधरोपण किया। इनसे मैंने पूछा कि आपका लक्ष्य क्या है ? नवनीत का जवाब था, अभी तो दसवीं पास किया हूं। बारहवीं के बाद लक्ष्य सैन्य अधिकारी बनने का है। एयरफोर्स उसमें मुख्य उद्देश्य होगा। वजह कि कमर्शियल पायलट बनने में आसानी होगी।



नागाजी वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय परिवार को हार्दिक बधाई 

वैसे तो नागाजी वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में जो शिक्षा दी जाती है, उसकी चर्चा पहले से रही है। बच्चों को शिक्षा के साथ संस्कार भी दिया जाता है। ऐसे में नवनीत के 94 % अंक पाकर उत्तीर्ण होना, विद्यालय का ही श्रेय जाता है। हम सपरिवार की तरफ से नागाजी वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय परिवार को बधाई के साथ शुभकामनाएं हैं। 

         नरेन्द्र मिश्र, वरिष्ठ पत्रकार बलिया

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