सनबीम बलिया में सजीं रामलीला की झांकी : खूब भाया छात्राओं का नव दुर्गा स्वरूप




बलिया। पठन-पाठन के साथ विद्यार्थियों को अपने संस्कृति एवं विभिन्न त्योहारों को मनाने के पीछे छुपे उद्देश्य से अवगत कराना भी विद्यालयीय पाठ्यक्रम का अभिन्न हिस्सा है। इन्हीं तथ्यों को ध्यान में रखते हुए असत्य पर सत्य की विजय का त्यौहार "दशहरा" का उत्सव सनबीम विद्यालय अगरसंडा में धूमधाम से मनाया गया।
विद्यालय के किंडरगार्टन के नौनिहालों द्वारा रामायण का नाट्य मंचन तथा नव दुर्गा के स्वरूप की मनमोहक झांकी प्रस्तुत की गई। कार्यक्रम का शुभारंभ विद्यालय प्रबंध समिति के अध्यक्ष संजय कुमार पांडेय, सचिव अरूण कुमार सिंह, निदेशक डॉ कुंवर अरूण सिंह तथा प्रधानाचार्या डॉ अर्पिता सिंह सहित समन्वयिका (कोऑर्डिनेटर) श्रीमती निधि सिंह ने तुलसी वेदी पर दीप प्रज्वलित कर किया। तत्पश्चात बाल कलाकारों द्वारा रामायण के समस्त प्रसंगों का अत्यंत मार्मिक रूप से मंचन किया गया जिसने वहाँ उपस्थित लोगों का मन मोह लिया। इस नाट्य मंचन में अभिनय क्रमशः राम (आरिज अहमद), लक्ष्मण (शिवांश), सीता (अनाहिता), भरत (अभिज्ञान), मंथरा (रिद्धि), कैकेई (आराध्या), कौशल्या (सौम्या), सुमित्रा (कशिश), दशरथ (अनमोल), जनक (शौर्य), रावण (अनन्य देव और ध्रुव), हनुमान (आयुष राज) तथा वानर सेना के रूप में नर्सरी के शानवी, तनय, चित्रांश, अंश, दिव्या आदि ने किया।
इसी के साथ नव दुर्गा रूप में शैलपुत्री (मनस्वी), ब्रह्मचारिणी (दिव्यांशी), चंद्रघंटा (आदित्री गुप्ता), कुष्मांडा (आदित्रि सिंह), स्कंदमाता (अंशिका), कात्यायनी (शांभवी), कालरात्रि (साक्षी), महागौरी (वैष्णवी) तथा सिद्धिदात्री (ईशा मिश्रा) ने मनमोहक झांकी प्रस्तुत की।
विद्यार्थियों की इस रूप से अभिभूत हो विद्यालय के निदेशक डॉ कुंवर अरूण सिंह ने सभी को विजयादशमी के महत्व से सभी को परिचित कराया तथा सभी को अपने भीतर से रावण रूपी नकारात्मकता को हटाकर राम रूपी सकारात्मकता को आत्मसात करने की प्रेरणा दी। प्रधानाचार्या डॉ अर्पिता सिंह ने सभी बाल कलाकारों के अभिनय की प्रसंशा की तथा कार्यक्रम को सही ढंग से सम्पन्न कराने हेतु सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया तथा विजयादशमी की अग्रिम शुभकामनाएं दी।

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