रेवती में पेयजल का संकट, हाहाकार
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रेवती (बलिया)। आजादी की लड़ाई से लेकर सन 42 के आंदोलन, नमक सत्याग्रह, साईमन कमीशन के विरोध में ऐतिहासिक भूमिका अदा करने वाला रेवती कस्बा का अभी काया कल्प नहीं हो पाया है । रेवती काली माता रोड के दोनो तरफ श्रिंगार, परचून, जनरल स्टोर्स, किराना, गल्ला, कपड़ा, रेडीमेन्ट, बिल्डिंग मटेरियल आदि की सैकड़ो दुकानें हैं । घाघरा दियरांचल का एकमात्र बाजार होने से हर समय चहल पहल बनी रहती है ।
विडंबना है कि रेवती बाजार में आर ओ की कौन कहे हैन्डपम्प जो गड़े है वह भी तकनीकी गड़बड़ी के चलते बन्द (खराब) पड़े हैं ।
बड़ी बाजार पोखरे के समीप भगवती मंदिर तथा प्राथमिक विद्यालय नं एक के गेट पर स्थित दोनों हैन्डपम्प कई दिनों से खराब पड़ा है । बाजार में आने वाली महिलाओं व बच्चों को पानी की भारी किल्लत का सामना करना पड़ रहा है । मिष्ठान की दुकान में कुछ खरीदने अथवा दो रूपये के पाउच में मिलने वाले पानी से लोग प्यास बुझा रहें हैं । अभी तक बाजार में शौचालय व लघु शौचालय की ब्यवस्था न होने महिलाओं को आये दिन शर्मशार होना पड़ता है । चुनाव के समय न तो कोई स्टार प्रचारक ओट मांगने आये और न चुनाव बाद जनता के प्रति आभार प्रगट करने आये । जिम्मेदार भी जनसमस्या की तरफ से आंख मूंदे हुए है ।
रिपोर्ट अनिल केसरी
Tags: जिला ज्वार

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