पेयरिंग और प्रधानाध्यापकों को सरप्लस करने के खिलाफ गरजें बलिया के शिक्षक, जिलाध्यक्ष ने सरकारी सोच को बताया खतरा




बलिया : विद्यालयों की पेयरिंग और छात्र संख्या के आधार पर प्रधानाध्यापकों को सरप्लस किये जाने से खफा उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ ने बीएसए कार्यालय पर धरना देकर अपनी आवाज बुलंद किया। वक्ताओं ने सरकार और विभागीय अधिकारियों को निशाना करते हुए इसे बेसिक शिक्षा के लिए खतरा बताया। कहा कि, यदि इसे वापस नहीं लिया गया तो आने वाले दिनों में बेसिक स्कूल बचेंगे ही नहीं। धरना सभा से जुलूस के रूप में जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचे शिक्षकों ने सीएम को सम्बोधित ज्ञापन जिलाधिकारी के प्रतिनिधि नगर मजिस्ट्रेट को सौंपा।
जिलाध्यक्ष जितेन्द्र सिंह ने कहा कि उत्तर प्रदेश शासन द्वारा हजारों विद्यालयों को पेयरिंग के नाम पर बन्द किया जा रहा है। प्रदेश में 150 से कम छात्र संख्या वाले प्राथमिक विद्यालय एवं 100 से कम छात्र संख्या वाले उच्च प्राथमिक विद्यालयों को प्रधानाध्यापक विहीन करते हुए हजारों प्रधानाध्यापकों को सरप्लस घोषित कर दिया गया है। इसके पूर्व भी वर्ष 2018-19 में एक ही परिसर में स्थित लगभग 20 हजार विद्यालयों का संविलियन करके प्राथमिक विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों के पद समाप्त कर दिये गये।
कहा कि वर्तमान में चल रही मर्जर प्रक्रिया से जहां छात्रों से विद्यालयों की दूरी अधिक होगी, वहीं हजारों रसोईयों की सेवा समाप्त हो जायेगी। इस प्रक्रिया को पूर्ण करने के लिए बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों द्वारा सम्बन्धित प्रधानाध्यापकों एवं ग्राम प्रधान/विद्यालय प्रबन्ध समिति पर दबाव बनाकर विद्यालय बन्द करने के समर्थन में प्रस्ताव मांगे जा रहे हैं। लोकतंत्र में इस प्रकार विद्यालय बन्द करके नौनिहालों की शिक्षा से खिलवाड़, हजारों प्रधानाध्यापकों के पद एवं रसोईयों की सेवा समाप्त जैसे निर्दयी एवं कठोर निर्णय की कल्पना नहीं की जा सकती है।
धरना सभा को जिला मंत्री डॉ राजेश पाण्डेय,.माध्यमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष राघवेन्द्र प्रताप सिंह, राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के जिलाध्यक्ष वेद प्रकाश पाण्डेय, प्राथमिक शिक्षामित्र संघ के जिलाध्यक्ष पंकज सिंह, जितेन्द्र प्रताप सिंह, अजय सिंह, सुनील सिंह, उदय शंकर राम, अनिल पाण्डेय, तुषार कान्त राय, अजीत पाण्डेय, समरजीत बहादुर सिंह, सुशील कुमार, अशोक यादव, उमेश सिंह, संगीता वर्मा, उपेन्द्र सिंह, संजय दुबे, अशोक केशरी, पंकज सिंह, रेनू शर्मा, अजय मिश्र, राधेश्याम सिंह, अरुण पाण्डेय, अवधेश प्रसाद, शारदा यादव, शशि कांत ओझा, संतोष कुमार सिंह, कमला सिंह, संगीता चौबे, स्वस्तिका मिश्र, आरती पाठक, सारिका पाण्डेय, मंजूर हुसैन, अनिल पाण्डेय, टुनटुन प्रसाद, आशुतोष शुक्ल, श्रीराम चौबे, जय प्रकाश सिंह, मुकेश भारती, विशाल यादव, प्रिया सिंह, ऋषि सिंह, राजेश शर्मा, अमित वर्मा, अलका शुक्ल, राबिया, प्रशान्त पाठक, धीरज सिंह, जिवेश सिंह, राजेश सिंह, आनन्द ज्योति सिंह, बृज किशोर पाठक, ज्ञानेश्वर श्रीवास्तव, satish ठाकुर, शिव प्रकाश तिवारी, अजय पाण्डेय, संजय वर्मा, हरे कृष्ण यादव, ब्रज भूषण पाण्डेय, सतीश राय, पीर गुलाम, राकेश सिंह, धनंजय, अंजनी सिंह, नवीन चौबे आदि मौजूद रहे।
शिक्षकों की प्रमुख मांगें
उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद के नियंत्रणाधीन विद्यालयों में 01 अप्रैल, 2005 व उसके पश्चात नियुक्त शिक्षकों को पुरानी पेंशन व्यवस्था (ओपीएस) से आच्छादित किया जाय। बेसिक शिक्षा परिषदीय विद्यालयों में चल रही पेयरिंग/मर्जर की प्रक्रिया रोकी जाय एवं किसी भी विद्यालय को बन्द न किया जाय। बेसिक शिक्षा परिषद के नियंत्रणाधीन प्रत्येक प्राथमिक विद्यालय एवं उच्च प्राथमिक विद्यालय में प्रधानाध्यापक की पदोन्नति एवं तैनाती की जाय। बेसिक शिक्षा परिषद के नियंत्रणाधीन विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों को भी राज्य कर्मचारियों की भाँति कैशलेस चिकित्सा सुविधा प्रदान की जाये तथा छठे वेतन आयोग की संस्तुतियों के अनुसार शिक्षकों को रुपये 10 लाख की सामूहिक बीमा का लाभ प्रदान किया जाय। बेसिक शिक्षा परिषद के नियंत्रणाधीन विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों को भी उप्र माध्यमिक शिक्षा परिषद के शिक्षकों की भांति चयन वेतनमान के अन्तर्गत 12 वर्ष की सेवा पूर्ण करने वाले सभी शिक्षकों को प्रोन्नत वेतनमान अनुमन्य किया जाय। बेसिक शिक्षकों को राज्य कर्मचारियों की भाँति उपार्जित अवकाश, द्वितीय शनिवार अवकाश, प्रतिकर अवकाश एवं अध्ययन अवकाश (स्टडी लीव) अनुमन्य किया जाय। ग्रीष्मकाल में शिक्षण की अवधि प्रातः 07:30 से दोपहर 12:30 बजे तक निर्धारित की जाय। विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों को बीएलओ की ड्यूटी से मुक्त रखा जाय। आकांक्षी जनपदों में कार्यरत शिक्षकों का अन्तर्जनपदीय स्थानान्तरण किया जाय। मृतक बेसिक शिक्षकों के ऐसे आश्रित जो बीएड एवं टीईटी उत्तीर्ण हैं, को शिक्षक के पद पर नियुक्ति देकर सेवारत विशिष्ट बीटीसी प्रशिक्षण कराया जाय।


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