बलिया में राजगुरु मठ के पीठाधीश्वर बोले- हमारे महापुरुषों ने खड़े किए शिक्षा के मंदिर




बलिया : सिकंदरपुर के संदवापुर में दंडी स्वामी विद्यालय पर बुधवार को स्वामी सहजानंद सरस्वती की पुण्यतिथि की पूर्व संध्या पर संगोष्ठी आयोजित हुई। जिसमें राजगुरु मठ पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अनन्तानन्द सरस्वती ने कहा कि अपने महापुरुषों के लिए कुछ नहीं कर सकते तो उनके कृतित्व को याद जरूर रखना चाहिए।
उन्होंने कहा कि राजगुरु मठ के महापुरुष पूज्य जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती जी महाराज के द्वारा सन 1949 में जिले के सिकंदरपुर क्षेत्र के संदवापुर में विद्यालय का निर्माण कराया था। हमारे महापुरूषों ने स्वतंत्रता आंदोलन से लेकर के शिक्षा के नवाचार और नवजागरण में अतुलनीय योगदान किया। लेकिन उपेक्षित रह गए। कहा कि हम अपने महापुरुषों को अपने लोगों के बीच तक पहुंचाएं।
युवाओं के बीच आदर्श के रूप में बताएं। क्योंकि जिस समय शिक्षा के लिए कोसों दूर लोगों को जाना पड़ता था, उस कालखंड में सुदूर क्षेत्र में जाकर के इतना बड़ा प्रकल्प खड़ा करना कोई सामान्य विषय नहीं है। इसके पहले उन्होंने विद्यालय के संस्थापक स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर नमन किया। इस अवसर पर रवि राय, अजीत राय,स्वामी राजेंद्रानंद व मंजय राय आदि थे।


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