Ballia में बड़ी चेतावनी के साथ एएनएम कर्मियों ने CMO के खिलाफ भरी हुंकार, कर्मचारियों ने दिया साथ




बलिया : मातृ शिशु महिला कर्मचारी संघ उत्तर प्रदेश व राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद से सम्बद्ध संगठनों ने मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय पर गुरुवार को अपनी दो सूत्रीय मांगों के समर्थन में धरना देकर आवाज बुलंद किया। कर्मचारियों ने अल्टीमेटम दिया कि यदि हमारी मांगें तत्काल पूरी नहीं की गई तो व्यापक आन्दोलन किया जायेगा। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद की पूर्व अध्यक्ष सत्या सिंह ने कहा कि हमारी बहनें घबराएं नहीं, उनके उत्पीड़न का मुंहतोड़ जबाव दिया जायेगा। कहा कि सीएमओ साहब शायद यहां के बागीपन से परिचित नहीं है। अगर ऐसा है तो वे अपने मातहतों से राज्य कर्मचारी सयुंक्त परिषद की एकता के बारे जानकारी प्राप्त कर लें। परिषद अनाधिकारिक लड़ाई नहीं लड़ता।
परिषद के अध्यक्ष वेद प्रकाश पाण्डेय कहा कि पिछले दो महीने से एएनएम बहनों के उत्पीड़न और स्थानान्तरण स्वैच्छिक तरीके से बिना किसी आधार के करने की वजह से स्वास्थ्य कार्यकर्त्रियों के समक्ष विभिन्न परेशानियां उत्पन्न हो गयी हैं। कहा कि आप हमारे मुखिया है तो हमारी परेशानियों का समाधान भी आपको ही करना है। सरकार के स्थानान्तरण नीति के जारी होने के पूर्व ही किया गया स्थानान्तरण निरस्त करने का अनुरोध किया गया था, लेकिन अभी तक स्थिति पहले जैसी ही बनी हुई है। यदि सभी 23 स्थानान्तरित महिला स्वास्थ्य कार्यकर्त्रियों का सरकार के स्थानान्तरण नीति के जारी होने के पूर्व किया गया स्थानान्तरण निरस्त नही किया जाता और ऐच्छिक आधार पर लगभग 15 स्वास्थ्य कार्यकर्त्रियों का स्थानान्तरण निरस्त किया गया, तो शेष महिला कार्यकत्रियों का उत्पीड़ित किया जाना न्याय संगत नहीं है।
इन बहनों की मांगों को राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद अपना पूर्ण समर्थन व्यक्त करते हुए पुनः अनुरोध करता है कि प्रकरण पर तत्काल संज्ञान लेकर मुख्य चिकित्साधिकारी गम्भीरता से विचार कर समस्या का समाधान करें। धरना आज दिन भर चला, जिसमें जनपद के विभिन्न पीएससी और सीएचसी के एएनएम भारी संख्या में उपस्थित रहीं। सभी के अपने आर्थिक मानसिक शोषण के खिलाफ आवाज बुलंद की। इस बीच मुख्य चिकित्सा अधिकारी वृक्षारोपण के नाम पर अपने कार्यालय आए नहीं तथा समस्याओं के समाधान की तरफ जरा भी रुचि नहीं लिए, जिससे उपस्थित एएनएम के बीच भारी रोष व्याप्त हुआ।
उन्होंने सर्वसम्मति से धरना स्थल पर यह निर्णय लिया कि जब तक हमारी मांगें नहीं मानी जाती, तब तक हम धरनारत रहेंगे। इसमें आगे आने वाले दिनों में यदि टीकाकरण बाधित होता है तो उसके लिए मुख्य चिकित्साधिकारी ही दोषी होंगे।क्योंकि हम धरना पर जाने से पहले उनको इस बात को लिखित रूप से संज्ञानित कर चुके हैं। मुख्य चिकित्सा अधिकारी के इस व्यवहार पर अन्य कर्मचारी संगठनों ने भी नाराजगी व्यक्त किया है। कहा कि यदि मुख्य चिकित्सा अधिकारी ऐसे ही लापरवाही करते रहेंगे तो आंदोलन की आग पूरे जनपद में फैल जाएगी। जनपद का हर कर्मचारी संगठन इसके समर्थन में उतरकर एक बड़ा कार्यक्रम आयोजित करने के लिए बाध्य होगा। धरना अनवरत जारी रहेगा।
धरना सभा को सम्बोधित करने वालों में श्रीमती रीता चौधरी (रतसड़), श्रीमती शोभा (चिलकहर), श्रीमती अंजू यादव (दुबहड़), श्रीमती संतोषी (चिलकहर), श्रीमती मंजू सिंह, श्रीमती रीमा सिंह (नगरा), श्रीमती रिंकू देवी (रसड़ा), श्रीमती मानविंसा सिंह (दुबहड़), श्रीमती किरन (सीयर), श्रीमती शान्ति पाण्डेय (नरहीं), श्रीमती गीता (रतसड़), श्रीमती अर्चना राय (बयना), श्रीमती अनिता यादव, श्रीमती नीतू वर्मा, मीनू, रिंकू सहित कर्मचारी नेता अनिल कुमार सिंह, राजेश रावत, जनार्दन यादव, विजय वर्मा, आशुतोष सिंह, विनय कुमार पाण्डेय, शैलेष श्रीवास्तव, रेशमा यादव, संजय यादव, मिथिलेश गिरि, संजीव चौबे, अनिल यादव एवं अजीत वर्मा आदि रहे।


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