सनबीम स्कूल बलिया : अनोखे अंदाज में मनाया गया विश्व अहिंसा दिवस
Ballia News : भारत के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, जिन्होंने अपना समग्र जीवन देशहित में समर्पित किया, जिसने अपने विचारों से लोगों को सत्य और अहिंसा के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित किया अपितु स्वावलंबन द्वारा सफलता अर्जित करने का संदेश भी दिया।उनके अहिंसावादी विचारधारा के कारण उनके जन्मदिन 2 अक्टूबर को पूरा भारत विश्व अहिंसा दिवस के रूप मना रहा है।
इसी क्रम में बलिया का सनबीम स्कूल जो अपने अनोखे अंदाज में कार्य करने के लिए जाना जाता है ने गांधी जयंती को उत्साहपूर्वक मनाने के लिए एक अनोखा तरीका अपनाया जिसके तहत विद्यालय के कक्षा तीसरी से बारहवीं तक विद्यार्थियों ने जिले के विभिन्न स्थलों पर जाकर अपने प्रयासों से गांधी विचारधारा के तहत समाज को जागरूक बनने हेतु प्रेरित किया।
नगर स्थित शहीद पार्क में बच्चों द्वारा गांधी विचारधारा पर आधारित नुक्कड़ नाटक,बस स्टेशन (रोडवेज) पर विद्यालय के एनसीसी कैडेट्स द्वारा राहगीरों को रोककर गुलाब देते हुए उन्हें सीटबेल्ट और हेलमेट का प्रयोग करने हेतु जागरूकता कार्यक्रम, रेलवे स्टेशन पर चित्रकला प्रतियोगिता, फेफना स्थित बाल सुधार गृह तथा गड़वार स्थित वृद्धाश्रम में दान उत्सव कार्यक्रम, अगरसंडा स्थित प्राथमिक विद्यालय का भ्रमण, कुंवर सिंह चौराहे पर शांति मार्च तथा जिले के विभिन्न चौराहों (कुंवर सिंह, कदम चौराहा, चित्तू पांडे, टी डी कॉलेज) पर स्थित प्रतिमाओं की साफ सफाई एवम माल्यार्पण का कार्यक्रम आयोजित किया गया। विद्यालय के विद्यार्थियों को उनके आयुवर्ग के आधार पर विभिन्न समूहों में बांटकर इन कार्यक्रमों को अत्यंत उत्साह के साथ संपन्न कराया गया।
कार्यक्रम की शुरुआत विद्यालय प्रांगण में ध्वजारोहण एवम महात्मा गांधी तथा शास्त्रीजी के चित्र पर माल्यार्पण द्वारा किया गया, तत्पश्चात विद्यार्थियों द्वारा दोनों महापुरुषों के जीवन पर आधारित कहानी का मंचन एवम भजन की प्रस्तुति की गई। इसके बाद विद्यार्थी पहले से ही निर्धारित विभिन्न स्थानों पर अपने अध्यापकों के संरक्षण में पहुंचकर गांधी एवम शास्त्री जयंती को अनोखे अंदाज में धूमधाम से मनाया।
कार्यक्रम के विषय में विद्यालय के निदेशक डॉ कुंवर अरुण सिंह ने विस्तार से बताया कि आज के दिन पर इस तरह का कार्यक्रम पूर्णरुप से विद्यार्थियों के हित हेतु आयोजित किया गया था ताकि विधार्थी गांधी एवम शास्त्री के विचारों को आत्मसात करे। श्री सिंह ने कहा कि हमारी शिक्षा प्रणाली भी पूर्णरूप से अनुभव आधारित हो चुकी है इसलिए यह आवश्यक है कि बच्चे महापुरुषों की कही गई बातों को न केवल पढ़े,सुने अपितु उन्हें आत्मसात भी करें। और यह पहल सफल भी रहा।
विद्यार्थियों ने पूरे उत्साह के साथ विभिन्न स्थलों पर अपनी सहभागिता दिखाई। उन्होंने मुख्य रूप से वृद्धाश्रम के भ्रमण के विषय में कहा कि बच्चों में अपने बुजुर्गों के प्रति आदर सम्मान का भाव एवम सद व्यवहार की भावना जागृत होगी। विद्यालय की प्रधानाचार्या डॉ अर्पिता सिंह ने विद्यार्थियों के अनुभव को साझा करते हुए कहा कि बच्चे इस कार्यक्रम से अत्यंत प्रसन्न थे। डॉ सिंह ने बताया कि इस तरह के कार्यक्रमों से बच्चों में नैतिक मूल्यों का विकास होगा।आज की पीढ़ी के बच्चे सामाजिक दायित्वों से विमुख होते जा रहें हैं। ऐसे आयोजन उन्हें समाज से जोड़ने में सहायक सिद्ध होगा। उन्होंने इस कार्यक्रम को सफल बनाने हेतु संपूर्ण विद्यालय परिवार का धन्यवाद किया।
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