अधिवक्ताओं के खिलाफ एसडीएम का एक्शन: सीधे शुरू कि मुकदमों की सुनवाई

अधिवक्ताओं के खिलाफ एसडीएम का एक्शन: सीधे शुरू कि मुकदमों की सुनवाई





बैरिया /बलिया ।  बिना अधिवक्ताओं के न्यायालय में उपस्थिति के उपजिलाधिकारी बैरिया विपिन कुमार जैन व तहसीलदार रामनारायण वर्मा ने मुकदमों की सुनवाई सीधे वादकारियों से बात कर शुरू कर दिया। जिससे अधिवक्ताओं की नाराजगी दोनों अधिकारियों के प्रति और भी बढ़ गई।

उल्लेखनीय है कि कुछ दिनों से तहसीलदार बार एसोसिएशन द्वारा प्रस्ताव पारित कर दोनों न्यायालयों के बहिष्कार का निर्णय लिया गया था। जिस पर उप जिलाधिकारी ने दो दिन पूर्व नोटिस जारी कर कहा था कि सुप्रीम कोर्ट के रुलिंग के अनुसार अधिवक्ता न्यायालय का बहिष्कार नहीं कर सकते हैं। अगर दो दिनों के भीतर अधिवक्ता न्यायालयों में नहीं लौटे तो मैं स्वत: वादकारियों से संवाद कर उनके मुकदमों का निस्तारण शुरू कर दूंगा और उसी क्रम में वृहस्पतिवार को दोनों न्यायालायों में क्रमश: एसडीएम व तहसीलदार बैठकर सीधे वादकारियों से संवाद कर उनके मुकदमों की सुनवाई की। दोनों अधिकारियों के इस कार्रवाई से बार एसोसिएशन काफी नाराज है। उनका कहना है कि दोनों अधिकारी बिना अधिवक्ता मुकदमा की सुनवाई कर रहे हैं यह सुप्रीम कोर्ट के रुलिंग के अनुसार गैर कानूनी है। ऐसा हम लोग नहीं होने देंगे। बैरिया तहसील में बार-बेंच आमने सामने आ गया है। जिससे वादकारी व कर्मचारी सभी परेशान हैं।

इस बाबत पूछने पर बार एसोसिएशन के महामंत्री बसंत कुमार पांडेय ने बताया शुक्रवार को  जनपद भर के बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों की बैठक बैरिया में आहूत की गई है। बैठक में यह निर्णय लिया जाएगा कि उप जिलाधिकारी व तहसीलदार के मनमानी रवैए से हम लोग कैसे निपटे। वहीं मौके पर मौजूद पर वरिष्ठ अधिवक्ता अजीत कुमार सिंह का आरोप था कि तहसीलदार अपने न्यायालय में एक प्राइवेट आदमी को पेशकार बनाकर रखे हैं, जो सरासर नियम के विपरीत है और इससे भ्रष्टाचार बढ़ रहा है। यह हम लोग होने नहीं देंगे। वहीं चंद्रशेखर यादव सहित दर्जन भर अधिवक्ताओं ने अपने-अपने तरीके के उप।जिलाधिकारी व तहसीलदार के विरुद्ध आक्रोश जताया। दूसरी तरफ कई वादकारियों ने बताया कि बैरिया तहसील के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि बिना अधिवक्ता के उप।जिलाधिकारी व तहसीलदार का न्यायालय चला है और दोनों अधिकारियों ने वादकारियों से सीधे संवाद।कर मुकदमे की सुनवाई की।

आधा दर्जन वादकारियों ने अधिवक्ताओं द्वारा न्यायालयों के बहिष्कार पर आक्रोश जताया है कि इससे उनका नुकसान हो रहा है किंतु वकील साहब लोग वादकारियों की बात सुनने को तैयार नहीं है। कल क्या होगा, यह तो कल ही पता चल पाएगा किंतु बिना अधिवक्ताओं के न्यायालयों का संचालन क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है। इस बाबत उप जिलाधिकारी विपिन कुमार जैन ने सुप्रीम कोर्ट की रुलिंग का हवाला देते हुए कहा कि मैंने अधिवक्ताओं से आग्रह किया था कि वह न्यायालय में उपस्थित होकर मुकदमों की
 सुनवाई संपन्न कराएं किंतु उनके द्वारा इसमें सकारात्मक सहयोग प्राप्त नहीं हो पाया। मजबूरन हैम लोगो को  वादकारियों के हित में यह निर्णय लेना पड़ा।

रिपोर्ट सुधीर सिंह

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