श्रीकृष्ण के माखन खाते ही बजने लगी घंटी... झूमनें लगे श्रोता
बलिया : स्टेशन मलगोदाम रोड पर शिव साई मंदिर के निकट चल रहे श्रीमद् भागवत कथा के पांचवे दिन व्यासपीठ से पंडित कन्हैया पांडे ने कहा कि भगवान के सामने किसी की माया नहीं चलती। इसीलिए जब पूतना सुन्दर नारी का रूप धारण कर भगवान श्रीकृष्ण के समक्ष पहुंची तो प्रभु ने आंखे बंद कर ली थी। यदि प्रभु ने आंखें खोली होती तो पूतना पर प्रभु की नजर पड़ते ही उसकी सारी माया नष्ट हो जाती। उन्होंने पूतना और रत्न माला की कहानी विस्तार से श्रोताओं को बताई।
पाण्डेय जी ने श्रीकृष्ण की माखन चोरी की एक कथा को सुनाते हुए बताया कि एक बार एक गोपी ने माखन को सिकहर पर घंटी के साथ बांधा था, ताकि श्रीकृष्ण जैसे ही माखन निकालने की कोशिश करेंगे घण्टी बज जाएगी और वे पकड़े जाएंगे। प्रभु ने यह चालाकी देख अपनी सखाओं का गोला बनाकर सबसे ऊपर पहुंच गए। घण्टी से बोले देखो मैं जब माखन निकालू और सखाओं को खिलाऊं, तब तक तुम मत बजना। घंटी ने ऐसा ही किया। लेकिन प्रभु ने खुद माखन को खाया तो घण्टी बजने लगी।
प्रभु ने पूछा घंटी तुम क्यों बजने लगी, तब घण्टी बोली प्रभु आपने माखन निकाला मैं नहीं बोली। सखाओं को खिलाए नहीं बोली। प्रभु आप माखन का भोग लगाए और मैं न बजू, यह कैसे सम्भव है। उन्होंने यमुना किनारे असंख्य गोपियों संग रासलीला और उसमें पहुंचने के लिए भगवान शंकर के जाने से रोकने और तब भगवान शंकर द्वारा वेश बदलने की कथा भी रोचक तरीके से सुनाया। कथा शुरू होने से पूर्व तबला वादक परमेश्वर नाथ गिरी, बैजू वादक ओमप्रकाश, दयाशंकर यादव, हरमोनियम योगेंद्र मिश्रा, झालबजा राजा राम ने भजन श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।
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