बलिया : राजा को खबर नहीं, भीलों ने बांट लिया वन ; डीएम के आदेश पर तहसीलदार ने कराया कईयों पर मुकदमा
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बैरिया, बलिया। कूटरचित व फर्जी तरीके से अभिलेखों में हेराफेरी के मामले में तत्कालीन तहसीलदार रामनारायण वर्मा ने दो नामजद व दर्जनों अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया। इसकी जानकारी होते ही क्षेत्र में हड़कम्प मच गया है, क्योंकि इस 'खेल' में बड़ी-बड़ी मछलियों के फंसने की भी चर्चा है।मामला बैरिया तहसील के तत्कालीन तहसीलदार रामनारायण वर्मा के फर्जी हस्ताक्षर से भू-अभिलेखों में हेरफेर से संबंधित है। शुक्रवार को जिलाधिकारी के आदेश पर तत्कालीन तहसीलदार ने बैरिया थाने में फर्जी तरीक़े से नामान्तरण के मामले में मुकदमा पंजीकृत कराया।
विदित है कि बैरिया तहसीलदार कोर्ट में बैरिया मौजे के आराजी नंबर 1265क के नामान्तरण के लिए मुकदमा दाखिल किया गया था। इसमें पत्रावली को नायब तहसीलदार के यहां बिना तहसीलदार कोर्ट में रजिस्टर किए ही फर्जी तरीके से नायब तहसीलदार कोर्ट से फाइल ले जाकर मेरे फर्जी हस्ताक्षर से नामान्तरण करा लिया गया। इसकी सूचना मिलते ही तत्कालीन तहसीलदार ने तत्काल उपजिलाधिकारी बैरिया को जानकारी दिया।
रामनारायण वर्मा ने तहरीर में लिखा है कि नायब तहसीलदार के कोर्ट में काम करने वाले राजस्व निरीक्षक बशिष्ठ प्रसाद, मुंशी विजय नाम पता अज्ञात व अन्य जितने भी इस प्रकरण में शामिल और लाभन्वित हुए है, उन सभी पर प्राथिमिकी दर्ज कर किया जाय।
चार अगस्त को डीएम ने दिया था आदेश
इस प्रकरण में जिलाधिकारी बलिया ने भी 04 अगस्त को एक आदेश में दोषियों के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत करने के आदेश पारित किया है। जिलाधिकारी ने उक्त प्रकरण की गहनता व बारीकियो से फ़ाइल का परिशीलन के उपरांत उप जिलाधिकारी बैरिया को इस प्रकरण में सम्मलित सभी व्यक्तियो के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत कराने का आदेश को निर्गत किया था। इसके क्रम मे निवर्तमान तहसीलदार ने अपना फर्जी हस्ताक्षर बनाने व फंसाने को लेकर उक्त प्रकरण में शुक्रवार को दोषियो पर मुकदमा पंजीकृत कराया है।
लम्बा है नेटवर्क, चर्चा जोरों पर
लोगो के बीच यह भी चर्चा जोरों पर है कि इस प्रकरण में सीधे तौर पर लाभांवित होने वाले लोगो का एक लंबा नेटवर्क है, जो इस कार्य के लिये सुबह से शाम तक, कार्यावधि के बाद या छुट्टी के दिनों में भी कार्यालयों में ऐसे भ्रष्ट अधिकारियो-कर्मचारियो व संविदा कर्मियो के साथ ही लगे रहते है। ऐसे लोगो का द्वाबा में एक संगठित गिरोह है, जो अभिलेखों में कूटरचित तरीके से हेर फेर करने में माहिर है। ऐसे लोगो की भी गोपनीयता से जांच कराकर इनके खिलाफ मुकदमा दर्ज होने चाहिए।
बैरिया तहसील को लेकर ऐसी है चर्चा
कुछ सालों में बैरिया तहसील से पारित आदेश हमेशा गलत और सही के बीच चर्चा में रहता है। कारण यहां के तैनात अधिकारी ही बता पाएंगे, परंतु लोगों में चर्चा रहती है कि पैसे के बल पर बैरिया तहसील पर कुछ भी कराया जा सकता है। उक्त प्रकरण एक बानगी है। यदि इस प्रकरण की गहनता से जांच किया जाय तो हाल के वर्षो में इस तरह की धोखाधड़ी के दर्जनों मामले मिल जाएंगे।
शिवदयाल पांडेय 'मनन'
Tags: Ballia News
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