मुख्य न्यायधीश ने किया बलिया न्यायालय के 14 कक्षीय भवन का ई-लोकार्पण
बलिया। जनपद न्यायालय के नवनिर्मित 14 कक्षीय भवन का ई-लोकार्पण उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायधीश श्री गोविन्द माथुर ने किया। लोकार्पण से पूर्व विकास भवन स्थित एनआईसी कक्ष में वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी अतिथियों ने अपने विचार व्यक्त किए।
मुख्य न्यायधीश श्री माथुर ने अपने उद्बोधन में कहा कि न्यायिक अधिकारी वादकारी के हितों की रक्षा करते हैं, इसलिए उनको गरिमापूर्ण अवस्थापन एवं आवास सुविधा प्रदान करना उच्च न्यायालय का कर्तव्य है। उन्होंने न्यायिक अधिकारियों से यह अपेक्षा की कि न्यायिक अधिकारी पूर्ण निष्टा एवं इमानदारी से अपने दायित्वों का निर्वहन करें। न्यायमूर्ति पंकज मित्थल ने अपने कहा कि न्यायिक अधिकारी का कृत्य ईश्वरीय कृत्य है, अतः न्यायिक अधिकारी को पूर्ण मनोयोग, निष्ठा एवं संवेदनशीलता के साथ न्यायिक कर्तव्य का निर्वहन करना चाहिए। प्रशासनिक न्यायमूर्ति सूर्य प्रकाश केसरवानी जी ने कहा कि न्यायालय भवन राज्य की जनता को न्याय दिलाने के लिए दृढ़ आस्था और विश्वास का सुव्यवस्थित केन्द्र होता है। इससे पहले अपने स्वागत भाषण में जिला जज गजेन्द्र कुमार ने कहा कि न्यायालय भवन की सार्थकता इसमें है कि वादकारियों को सुलभ, ससा एवं त्वरित न्याय प्राप्त हो और जनता में न्यायप्रणाली के प्रति विश्वास दृढ़ हो। समारोह का संचालन सिविल जज जूडिशियल शशि किरण ने तथा अपर जिला जज प्रथम चन्द्रभानु सिंह ने धन्यवाद ज्ञापित किया।
इस अवसर पर विकास भवन में प्रधान न्यायाधीश परिवार न्यायालय एसपी त्रिपाठी एवं उपसमिति अवस्थापन के अध्यक्ष श्री चन्द्रभानु सिंह, प्रभारी नजारत अरूण कुमार-तृतीय, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट रमेश कुशवाहा, जिलाधिकारी श्रीहरि प्रताप शाही, एएसपी संजय कुमार, कोर्ट मैनेजर सुशान्त गौड़, सिस्टम ऑफिसर अमित गुप्ता तथा न्यायिक परिवार के अन्य सदस्य थे।
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