रेस्क्यू कर बलिया पुलिस ने बरामद की थी बच्ची, अब न्यायपीठ ने दिया यह आदेश
बलिया। गड़वार थाना अन्तर्गत चांदपुर नहर के पास 19 अगस्त को झाड़ी में मिली एक नवजात बालिका को गैरकानूनी ढ़ंग से देवान्ती देवी पन्ती अरविंद राम पाल रही थी। इसकी सूचना गांव के किसी कालर ने 1098 चाईल्ड लाइन पर दे दी। इसके बाद चाईल्ड लाइन की टीम गांव में तीन बार गयीं, लेकिन गांव वालों के विरोध के चलते नवजात को रेस्क्यू नहीं कर पायी। इसकी सूचना चाईल्ड लाइन ने न्यायपीठ बाल कल्याण समिति को दी।
न्यायपीठ ने थानाध्यक्ष गड़वार को नवजात बालिका को किसी भी हालात में रेस्क्यू करने का निदेश दिया।29 अगस्त को थानाध्यक्ष अनिल चन्द्र तिवारी ने अपनी टीम के साथ गांव से काफी मशक्कत के बाद नवजात बालिका को रेस्क्यू करके चाईल्ड लाइन को सौंपा। गुरुवार को नवजात बालिका श्वेता (काल्पनिक नाम) को जिला चिकित्सालय के सिक न्यू बोर्न केयर युनिट में भर्ती के बाद स्वास्थ्य दशा में चाईल्ड लाइन बलिया के कमल किशोर चौबे व शाहिदा परवीन ने नवजात को न्यायपीठ बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत किया। नवजात बालिका को प्राप्त करने के लिये जैविक माता पिता समिति के समक्ष प्रस्तुत नहीं हुए। किशोर न्याय अधिनियम 2015 के तहत नवजात को उपयुक्त संरक्षण हेतु प्रेमलता मंजू तिवारी शिशु गृह जमालपुर मोहम्मदाबाद गोहना में प्रवेश कराने के लिये अध्यक्ष/सदस्य प्रशांत पाडेय, राजू सिंह व अनिता तिवारी ने सयुंक्त आदेश चाईल्ड लाइन को दिया। साथ ही निर्देर्शित किया कि नवजात शिशु को शिशु गृह में प्रवेश कराने के बाद प्रवेश की प्रति न्यायपीठ को प्रस्तुत करे। जिला संरक्षण अधिकारी को समिति ने निर्देश दिया कि नवजात का फोटो दैनिक समाचार पत्र में प्रकाशित कराये, जिससे की वास्तविक माता पिता अपना दावा प्रस्तुत कर सकें।न्यायिक सदस्य राजू सिंह ने बताया कि नवजात बालिका को संरक्षण में लेने के लिए जैविक माता-पिता दैनिक समाचार पत्र में प्रकाशित होने के दो माह के भीतर न्यायपीठ बाल कल्याण समिति के न्यायालय में साक्ष्य के साथ उपस्थित नहीं होते है तो नवजात बालिका को स्वतंत्र (गोद लेने हेतु) घोषित करने की कार्यवाही न्यायपीठ द्वारा कर दिया जायेगा।
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