रातभर मां को ढूंढते रही मासूमों की आंखें, लेकिन...
On




लखनऊ। डेढ़ साल का निखिल और चार साल की चांदनी इस वक्त दोहरा दर्द झेल रहे, मगर वे मासूम कुछ कह नहीं सकते। उनका बिलखना बंद नहीं हो रहा, आंख से बहते आंसू थम नहीं रहे हैं, क्योंकि उन्हें दो दिन हो गए हैं मां को देखे हुए। ये दोनों बच्चे उन्हीं मृतक मजदूर कृष्णा वप्रमिला के बच्चे हैं, जिनकी मौत बुधवार रात शहीद पथ पर सड़क दुर्घटना में हो गई थी।
लॉकडाउन से निराश होकर कृष्णा साइकिल से ही छत्तीसगढ़ के लिए रवाना हुआ था। परिवार जानकीपुरम के सिकंदरपुर में रहता था। दोनों बच्चों को फिलहाल दुबग्गा में रहने वाले उनके चाचा रामकुमार और उनकी पत्नी कौशल्या ने संभाला है। कौशल्या ने बताया कि बच्चे रातभर बिलखते रहे। एक सोता तो दूसरा जाग जाता।
किसी तरह से पाउडर का दूध पिलाकर काम चलाया है। रामकुमार का कहना है कि नायाब तहसीलदार ने शुक्रवार को 2500 रुपये दिए। पुलिसवालों ने 10 हजार की आर्थिक मदद दी। डेढ़ साल के मासूम के सिर की जांच होनी थी। पुलिस वाले उसे निजी अस्पताल ले गए थे, लेकिन जांच नहीं हो सकी। अब जांच शनिवार को होगी।
बेटियां छत्तीसगढ़ में बिलख रहीं
कृष्णा के चचेरे भाई होलीराम का कहना है कि ये सभी छत्तीसगढ़ के जिला बेनेतरा के थाना नवागर ग्राम रंगोर के रहने वाले हैं। वहां पर मृतक दंपती की तीन बेटियां हैं। मंगतिन, ममता और पत्रिका। मंगतिन की शादी हो चुकी है, वह गर्भवती है। उसे हादसे की जानकारी नहीं दी गई है। बाकी दोनों का रो-रोकर बुरा हाल है। राम कुमार का कहना है कि हमारे भी तीन बच्चे हैं, कैसे इन बच्चों को पालेंगे, समझ नहीं आ रहा है।
Tags: लखनऊ


Related Posts
Post Comments
Latest News
02 Jul 2025 20:36:05
बलिया : मुख्य चिकित्साधिकारी, बलिया द्वारा नियम विरूद्ध किये गये स्थानान्तरण एवं एैच्छिक आधार पर कुछ स्थानान्तरण निरस्त किए जाने...
Comments