जहर मुझको पिला देना मगर ऐसा नहीं करना, मेरा दिल तोड़कर...
गोला गोकरननाथ खीरी : शहर के ऐतिहासिक चैती मेला के सांस्कृतिक मंच पर टीना परवीन और तस्लीम आरिफ ने जवाबी कव्वाली पेश कर शमां बाध दी। जबाबी कव्वाली के मुख्य अतिथि राजा जफर उल्ला खां, विशिष्ट अतिथि मन्जूर अली, जमील अहमद, मोहम्मद हनीफ खां, धर्मेन्द्र गिरि मोंटी, कार्यक्रम अध्यक्ष जिला पंचायत पूर्व सदस्य रईसुज्मा अंसारी उर्फ मुन्ना प्रधान और पालिका अध्यक्ष विजय शुक्ल रिंकू ने दीप जला कर शुरुआत की। कार्यक्रम की शुरुआत टीना परवीन की हम्द (वन्दना) तू ही ईश्वर तू ही अल्लाह, कोई कहे कुछ कहे अपना तो है यह फैसला, तू ही ईश्वर तू ही अल्लाह।
नात भर दो झोली मेरी या मोहम्मद, तेरे दर से मैं न जाऊंगा खाली।
गजल जहर मुझको पिला देना मगर ऐसा नहीं करना,
मेरा दिल तोड़कर मुझको कही तन्हा नहीं करना।
गजल ये किसने कहा तुमसे तदबीर से मिलते हैं,
अब दोस्त जमाने में तकदीर से मिलते हैं।
जर्रे को चट्टान बना दे या अल्ला
बहसी को इंसान बना दे या अल्ला
हिंदू मुस्लमा को इंसान बना दे या अल्ला।
तस्लीम आरिफ ने फरमाया...
बाहिदो के हसी परिंदों के, पर कतरना बहुत जरूरी है।
जिंदगी को संवारने के लिए इश्क करना बहुत जरूरी है।।
सांस्कृतिक मंच का संचालन करते हुए मेला प्रभारी मोहित गिरि ने आए हुए अतिथियों का आभार जताया।
इस अवसर पर राम गुलाम पाण्डेय, राम मोहन सोनी, के के शुक्ला, सभासद शोभित कुमार, इजरान अहमद अंसारी, धर्मेंद्र जायसवाल, धर्मेन्द्र कुमार बाल्मीकि, आनन्द सोनी, हर्ष अवस्थी, धर्मेंद्र कुमार तिवारी, सौरभ तिवारी, शाहिद अंसारी, शब्बन खां, हरिओम वर्मा, अनिल कुमार गुप्ता, रियाजुद्दीन, सुशील कुमार कश्यप, नानक चंद्र वर्मा, रज्जन खान, राजेश कुमार वर्मा, राजेश अवस्थी, आशीष अवस्थी, दानिश राईन, कफील अहमद, पूर्व सभासद जमाल अहमद राईन, वीरेंद्र कुमार, अय्यूब खां, रफीक अहमद, मजीद खां, शत्रोहन मिश्र, रविंद्र कटियार, धीरज बाजपेयी,विमलेश वर्मा, सचिन सिंह, गीता विश्वकर्मा, शिवम गुप्ता, कैलाश गुप्ता, नगर पालिका परिषद के सफाई एवं खाद्य निरीक्षक संदीप कुमार वर्मा, आरआई अब्दुल रहीम अंसारी, लिपिक अमित श्रीवास्तव, शिवम् भारती, मोहित अवस्थी, विमलेश वर्मा, रामसिंह, अवधेश कुमार, आशुतोष शुक्ला, प्रेमप्रकाश पाठक, ऋषि कुमार, रितेश कुमार, अरविंद कुमार, अशोक कुमार आदि मौजूद रहे।
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