अहिंसा के सामने तृणवत है तलवार का बल : राज्य मंत्री दयाशंकर मिश्र 'दयालु'
सिकंदरपुर, बलिया : गांधी जयंती पर जूनियर हाई स्कूल सिकंदरपुर के प्रांगण में आयोजित विचार गोष्ठी को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि राज्य मंत्री दयाशंकर मिश्र 'दयालु' ने कहा कि नीति वाक्य अहिंसा परमो धर्मः वर्षो से प्रचलित था, परंतु उसे समाजोन्मुखी बनाने का काम गांधी जी ने किया। गांधी जी ने कहा था कि अहिंसा वीर का लक्षण है कायरता कभी धर्म नहीं हो सकती, अहिंसा के सामने तलवार का बल तृणवत है। गांधी जी ने सनातन धर्म का मूल मंत्र सत्य और अहिंसा को अपने जीवन में पूर्ण रूप से अंगीकार कर आमजन को इससे प्रभावित किया।
विशिष्ट अतिथि राज्य मंत्री दयाशंकर सिंह ने कहा कि गांधी जी ने सनातन धर्म से प्रेरणा प्राप्त कर सत्य और अहिंसा को देश की आजादी की लड़ाई में हथियार के रूप में प्रयोग कर करोड़ों भारतीयों को देश के लिए सर्वस्त्र न्योछावर करने का आत्म बल प्रदान किया। गांधी जी हिंदू धर्म में व्याप्त कुरीतियों एवं उच्च नीच के प्रबल विरोधी थे। जीवन पर्यंत इस बुराई का प्रतिकार किये। स्वच्छता को स्वास्थ्य का हिस्सा बताते हुए गांधी जी ने जो संदेश दिया था, आज प्रधानमंत्री स्वच्छता अभियान चलाकर गांधी के सपनों को आगे बढ़ा रहे हैं।
सांसद रविंद्र कुशवाहा ने गांधी दर्शन को मौलिक रूप से भारतीय परंपराओं और मान्यताओं के अनुरूप बताते हुए कहा कि सेवा भाव से परहित में किया गया कार्य ही भक्ति और पूजा है। पूर्व मंत्री राजधारी ने सभी आगंतुकों के प्रति आभार प्रकट करते हुए नई पीढ़ी को गांधी जी के व्यक्तित्व और कृतित्व से प्रेरणा प्राप्त करने की अपील की। कहा कि गांधी दर्शन से ही दुनिया में शांति समृद्धि एवं खुशहाली आ सकती है।
विचार गोष्ठी में भाजपा जिलाध्यक्ष संजय यादव, पूर्व विधायक भगवान पाठक, सुरेश सिंह, मंजय राय, अखिलेश सिंह गुड्डू, ब्लॉक प्रमुख नवानगर केशव चौधरी, बैजनाथ पांडेय, अरविंद राय, मोहणकांत राय, बृजेश मिश्रा, नसीम चिश्ती, संजय जयसवाल, संजय राय, अविनाश राय आदि ने संबोधित किया। अध्यक्षता दयाशंकर भारती एवं संचालन भोला सिंह ने किया।
अतुल राय
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