तबला सम्राट गुदई महाराज को बागी धरती के संगीत प्रेमियों ने कुछ यूं किया याद
Ballia News : तबला सम्राट पद्म भूषण 'पं. सामता प्रसाद मिश्र उर्फ गुदई महाराज जी' की 29वीं पुण्यतिथि पर पं. केपी मिश्र मेमोरियल संगीत विद्यालय, बलिया के प्रांगण में श्रद्धांजलि हेतु संगीत गोष्ठी संपन्न हुई। अध्यक्षीय उद्बोधन में डॉ. भोला प्रसाद आग्नेय ने कहा कि गुदई महाराज जी ने अपने तबला वादन से शास्त्रीय संगीत को नया आयाम दिया। इन्होंने कई बड़ी फिल्मों में गायन के साथ तबले पर तो संगत किया ही, साथ-साथ फिल्मों में घोड़े की टाप, तांगे या बैलगाड़ी की चलने की आवाज भी तबले से दिया। इस तरह से उन्होंने में अपने वादन से शास्त्रीय एवं सुगम संगीत दोनों को एक नई ऊंचाई प्रदान किया।
संस्कार भारती के पूर्व जिलाध्यक्ष एवं संगीत विद्यालय के निदेशक पं. राजकुमार मिश्र जी ने कहा कि गुदई महाराज जी तबला सम्राट होने के साथ-साथ एक संघर्ष के पर्याय थे। उनका जीवन बचपन से ही संघर्षमय रहा। वह कभी पीछे मुड़कर नहीं देखे और अपने सतत अभ्यास के द्वारा तबला वादन में एक मुकाम हासिल करते हुए पद्म भूषण एवं पद्मश्री पुरस्कारों के साथ अनेक उपाधियों एवं सम्मान को प्राप्त किया गया। बतौर मुख्य अतिथि हरेंद्र नाथ मिश्र ने कहा कि, "गुदई महाराज का बचपन बहुत ही गरीबी बीता, फिर भी संघर्ष करते हुए तबला वादन से अपनी पहचान बनाए। अरविंद तिवारी ने कहा कि,गुदई महाराज में संगीत के प्रति अभिरुचि बचपन से ही थी, जिससे आगे चलकर संगीत की दुनिया में एक मुकाम हासिल किया।
शास्त्रीय रागों की दी प्रस्तुति
इस अवसर पर गुदई महाराज जी के परनाती आकाश मिश्र, प्रेम प्रकाश पाण्डेय, अक्षज तिवारी, अबीर पांडेय, पृथ्वी राय, शताक्ष पांडेय, शाश्वत पांडेय, सत्यम, सात्विक, अर्नव, निर्मल सुनील कुमार, ममता तिवारी, श्रुति पांडे, सुमन त्रिपाठी रानी, आरती, वैष्णवी, विपुल, राजीव कुमार झा, सात्विक झा इत्यादि ने विभिन्न शास्त्रीय रागों में प्रस्तुति देते हुए गुदई महाराज जी को श्रद्धांजलि अर्पित किया। कार्यक्रम के प्रारंभ में अध्यक्ष डॉ. आग्नेय एवं मुख्य अतिथि मिश्र ने मां सरस्वती एवं गुदई महाराज के चित्र पर माल्यार्पण कर दीप प्रज्ज्वलित किया। तत्पश्चात मां सरस्वती वंदना से कार्यक्रम का प्रारंभ हुआ। अंत में संगीत विद्यालय के निदेशक पं. राजकुमार मिश्र ने सभी आगंतुकों के प्रति आभार व्यक्त किया।
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