बलिया में श्रीराम महायज्ञ : मानस किंकर जी महाराज ने कुछ यूं बताया सन्त समागम और दर्शन का लाभ
बैरिया, Ballia News : बिना सन्त सानिध्य के भगवान की प्राप्ति सम्भव नहीं हैं। जब भगवान की कृपा होती है, तब सन्त से समागम होता है। परिणाम जीव भगवान को प्राप्त कर लेता है। उक्त उद्गार हैं मानस किंकर जी महाराज के, जो बाजिदपुर स्थित सन्त शिरोमणी भाला बाबा की कुटी पर श्रीराम महायज्ञ में प्रवचन के दौरान व्यक्त किये।
मानस किंकर जी महाराज ने कहा कि रामायण एक पुस्तक नहीं, अपुति मानव जीवन को धन्य करने का साधन है। सन्त की परिभाषा बताते हुए कहा कि अयोध्या नरेश दशरथ जीव थे। जब उनकी समस्या को गुरु वशिष्ठ ने जाना तो तुरन्त उन्होने राजा दशरथ को श्रृंगी ऋषि की सेवा में भेजा। वहां श्रृंगी ऋषि जैसे सन्त का दर्शन होते ही उनकी सारी समस्या दूर हो गयी। श्रृंगी ऋषि ने राजा दशरथ के लिए पुत्र कामनार्थ यज्ञ किया।परिणाम राम जैसे ब्रहम का अवतार हुआ।
श्रद्धालुओं को समझाते हुए बताया कि दशरथ जीव है। गुरु वशिष्ठ माध्यम है। जिनके प्रेरणा से श्रृंगी ऋषि जैसे सन्त का दर्शन हो गया। फलस्वरुप दशरथ रूपी जीव को सन्त रुपी श्रृंगी ऋषि ने राम रुपी ब्रहम से पुत्र के रूप में मिला दिया।सन्त समागम और दर्शन का फल इसका जीवंत उदाहरण हैं।
भव्य भंडारा के साथ आठ जून को होगी यज्ञ की पूर्णाहुति
बाजिदपुर स्थित सन्त शिरोमणी भाला बाबा की कुटी पर चल रहे श्रीराम महायज्ञ की पुर्णाहुति आठ जून को भव्य भण्डारा के साथ सम्पन्न होगी। रोजाना शाम को वृंदावन से आये कलाकारों द्वारा रासलीला का मंचन हो रहा है, जिसमे हजारो लोग रासलीला का आनन्द ले रहे है। यज्ञ का नेतृत्व कर रहे स्वामी रामानन्द दाश जी महाराज ने बताया कि रोजाना यज्ञ मंडप की परिक्रमा कर हजारों श्रद्धालु पुण्य लाभ ले रहे हैं।
शिवदयाल पांडेय मनन
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