प्रतिभा को सलाम-05 : अपनी 'तरकीब' से Online शिक्षा को Strong बना रही बलिया की ये शिक्षिकाएं
On
बलिया। जिनमें अकेले चलने का हौसला होता हैं, उनके पीछे एक दिन काफिला होता हैं...। यह पक्तियां बेसिक के शिक्षकों पर सटीक बैठती है। ऑनलाइन क्लास संचालन का आदेश आया तो सभी यही सोचते थे कि बेसिक में यह कार्य संभव नहीं है, पर जब कुछ लोगो ने इस कार्य को आरम्भ किया तो धीरे-धीरे काफ़ी लोग इस पथ पर अग्रसर होने लगे। प्रस्तुत है ऑनलाइन क्लास की कहानी बलिया के शिक्षकों की जुबानी...
दिव्या पुरी
कहते है कि मेहनत करके खाने वाले कभी बैठकर नहीं खा सकते। मैं यह बात अपनी तारीफ में नहीं लिख रही हूं, बल्कि यही जद्दोजहद मेरे दिमाग़ में 14 मार्च (महामारी कोरोना का अवकाश घोषित) से तब से चल रही थी। फिर चिलकहर ब्लॉक के अध्यापक श्रीकांत पाण्डेय से ऑनलाइन क्लास संचालित करने के बारे मे वार्ता हुई और 2-4 अध्यापक मिलकर हमने 10 अप्रैल से क्लास 7 व 8 की ऑनलाइन क्लास प्रारम्भ किये। हमारी वीडियो को पसंद किया गया। बच्चों ने रूचि लेकर पढ़ना प्रारम्भ किया। बच्चों के लिए भेजी जाने वाली एजुकेशनल वीडियो मैं स्वयं क्रिएट करती हूं। बच्चों को बता दी थी कि विषय वस्तु समझ में न आने पर मैसेज करना। जैसे ही मैसेज आता है, मैं वॉइस कॉल कर बच्चों के संदेह का समाधान करती हूं। आरम्भ में तमाम तरह की परेशानी आयी, पर मैं हौसला नहीं हरी। लगातार प्रयास करती रही और धीरे धीरे अभिभावक व बच्चे समझने लगे। फिर मैंने व्हाट्सप्प ग्रुप बनाकर ऐसे बच्चों के भी नम्बर ग्रुप में जोड़ी, जिनके विद्यालय ऑनलाइन क्लास नहीं संचालित कर रहे थे। आज ग्रुप रन कर रहा है। नि: संदेह सभी बच्चों को अब भी लाभ नहीं मिल रहा है, पर मुझे संतोष इस बात का है कि इस विषम परिस्थिति में कुछ न कुछ बच्चे जरूर सीख रहे है और हम भी बहुत कुछ सीख रहे है।
दिव्या पुरी, सअ
प्रावि पालटा
ब्लाक-चिलकहर
अन्नू सिंह
कोरोना जैसी वैश्विक महामारी के कारण Lockdown में बाधित हो रही शैक्षणिक कार्य को दूरस्थ करने के लिये शासन एवं उच्चधिकारियों के निर्देशानुसार बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों आनलाईन शिक्षण का कार्यक्रम चलाया जा रहा है। मैंने विद्यालय से सम्बंधित छात्रो के अभिभावकों, प्रबंध समिति के सदस्यों, माता समिति, सहायक अध्यापक व शिक्षामित्र की सहायता से प्रावि करम्वर नं. 1 के नाम से एक ग्रुप बनायी। मुझे आनलाइन पढ़ाने का पूर्व रूप से जानकारी नहीं थी, लेकिन मैं आनलाइन पढ़ाने से बहुत खुश हूं और बच्चे भी खुश है। मैं प्रतिदिन आडियो और Video बनाती हूं। कुछ प्रश्न लिखकर भेजती हूं। दुसरे दिन स्क्रिन शॉट लेकर बच्चो का गृहकार्य स्वयं जांच करती हूं। जिन बच्चो और अभिभावकों के पास स्मार्ट फोन नही है, वहा मेरे विशेष आग्रह पर स्मार्टफोन वाले अभिभावक सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए उनके बच्चों को भी पढ़ाते है।
अन्नू सिंह, प्रधानाअध्यापक
प्रावि करम्बर नं०-1
ब्लाक- बेरूआरवारी
संकलन : नन्दलाल शर्मा
प्रधानाध्यापक
प्राथमिक विद्यालय तेतरा, सीयर बलिया
प्राथमिक विद्यालय तेतरा, सीयर बलिया
Look at this
प्रतिभा को सलाम-04 : बलिया के शिक्षकों ने इस सोच से बदल दी व्यवस्था, गरीब बच्चों को भी मिलने लगी Online शिक्षा
Tags: बलिया
Related Posts
Post Comments
Latest News
Road Accident में बाइक सवार सिपाही की दर्दनाक मौत
23 Jan 2025 22:39:42
Raibareli News : प्रयागराज में महाकुंभ से स्नान करके लौट रहे एक सिपाही की सड़क दुर्घटना में मौत हो गई,...
Comments