प्रतिभा को सलाम-10 : बलिया में Digital भारत का सपना पूरा कर रही बेसिक शिक्षा विभाग की अंगुलियां
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बलिया। ज़िन्दगी की कठनाइयों से भाग जाना आसान होता है, जिंदगी में हर पहलू इम्तेहान होता है, डरने वालों को नहीं मिलता कुछ ज़िन्दगी में, लड़ने वालों के कदमों में जहान होता है...। शायद यही सोच कर बलिया के कुछ शिक्षक विषम परिस्थितियों में भी ऑनलाइन क्लास चला रहे है। कुछ सफल भी हो रहे है। प्रस्तुत है ऑनलाइन क्लास की कहानी उन्ही के जुबानी...
वैसे तो ऑनलाइन क्लास चलाने में सबसे बड़ी बाधा यह आई कि बच्चों के पास एंड्रायड मोबाइल का अभाव था। सिर्फ कुछ छात्रों के पास ही यह सुविधा उपलब्ध थी। उनसे बात की और उन्हीं का एक WhatsApp ग्रुप बनाई। फिर होम वर्क उपलब्ध कराना प्रारम्भ की। इन्हीं बच्चों के सहारे बिन एंड्रायड मोबाइल वाले बच्चों तक online education की लौ पहुंचाने की कोशिश की, जिसमें विद्यालय के समस्त स्टाफ का सहयोग प्राप्त होने लगा। काफी हद तक सफलता भी मिली। आज 35 छात्र ऑनलाइन शिक्षा ग्रहण कर रहे है। बच्चों की कापियों का प्रतिदिन मूल्यांकन के साथ जरूरी दिशा निर्देश देती हूं।
अंजना सिंह
अंजना सिंह
पूर्व माध्यमिक विद्यालय भरखरा
ब्लाक-बेरुआरबारी
कोरोना बीमारी के संकट काल में सरकार देश के सभी क्षेत्रों व वर्गों में इस संकट से लड़ने के लिए नए-नए उपाय कर रही है। हम सभी का क्षेत्र शिक्षा जगत है। अतः हमारा भी परम कर्तव्य है कि बच्चों के भविष्य को देखते हुए अपने शैक्षिक क्षेत्र पर कोरोना संक्रमण के प्रभाव को कम किया जाए।हम सब तो वैसे भी 'सुखदुखे समे कृत्वा लाभालाभौ जयाजयौ' की परंपरा के लोग हैं। हमें इस संकट की घड़ी में भी शैक्षिक उन्नयन के लिए उठ खड़े होना चाहिए। मार्च में ही मैं कुछ बच्चों से संपर्क में होने के कारण, उन्हें व्हाट्सएप ग्रुप के माध्यम से पठन-पाठन से संबंधित गृह कार्य देते रहती थी। फिर सरकारी आदेश के बाद यह कार्य और भी प्रभावीशाली हुआ। निश्चय ही कुछ चुनौतियां आई, किंतु धीरे-धीरे सब कुछ सरल होता गया। बच्चे घर रहते हुए भी मुझसे व स्कूल से जुड़े हुए हैं। एक और लाभ यह है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के डिजिटल भारत का सपना बेसिक शिक्षा विभाग की अंगुलियां पूरा कर रही है, जो कल के लिए और बेहतर साबित होगी।
सोनम गुप्ता
सोनम गुप्ता, सअ
प्रावि शिवपुर
ब्लाक-बेरूआरबारी
मेरे विद्यालय पर भी शासनादेश आने के बाद ऑनलाइन क्लास जोर सोर से चल रहा है। मेरे प्रधानाध्यापक धीरेन्द्र सर व सहायक अध्यापक अरमान अली के सहयोग से विद्यालय का व्हाट्सप्प समूह बना। उस पर सभी अध्यापक/अध्यापिकाएं बच्चों के स्तरानुसार पाठ्यसामग्री भेजते है। उसका मूल्यांकन करते है। मैं कोशिश करती हूं कि जिन बच्चों के अभिभावक के पास एंड्रॉइड फ़ोन नहीं है, उनकी पढ़ाई भी प्रभावित ना हो। इसके लिए प्रत्येक दिन सुबह शाम को फ़ोन कर बच्चों को होमवर्क देती हूं। उनको बातचीत के दौरान स्वच्छता व सोशल डिस्टेंस मेन्टेन करने की जानकारी वॉइस कॉल व वीडियो सन्देश के माध्यम से मुहैया कराती हूं। कोशिश जारी है कि इस विषम परिस्थिति में भी बच्चों का जुड़ाव पुस्तकों से बना रहे। हम कितना सफल होंगे, यह तो वक्त बताएगा।
ममता सिन्हा
ममता सिन्हा, सअ
प्रावि वैना
ब्लाक- हनुमानगंज
संकलन : नन्दलाल शर्मा
प्रधानाध्यापक
प्राथमिक विद्यालय तेतरा, सीयर बलिया
प्राथमिक विद्यालय तेतरा, सीयर बलिया
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