बलिया : संगीत के माध्यम से बढ़ाएं रोग प्रतिरोधक क्षमता
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बलिया। आज संपूर्ण विश्व कोरोना जैसी महामारी से लड़ रहा है। कब तक लड़ेगा, इसका कुछ पता नहीं। जब तक कोई वैक्सीन नहीं बन जाती तब तक खुद को संयमित रखकर रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने पर ही विशेष ध्यान देना है। टीडी कॉलेज के संगीत अध्यापक अरविंद उपाध्याय का कहना है कि संगीत के माध्यम से भी यह क्षमता बढ़ाई जा सकती है। इसलिए अगर सम्भव हो तो रोज अपने घर में ही रहकर संगीत सुनें या अभ्यास करें, ताकि शरीर मे रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़े और कोरोना की चपेट में आने से बचा जा सके।
बताया, चिकित्सा विज्ञान भी यह मानने लगा है कि प्रतिदिन 20 मिनट अपनी मनपसंद का संगीत सुनने से रोजमर्रा की होने वाली बीमारियों से निजात पाई जा सकती है। जिस प्रकार हर रोग का संबंध किसी न किसी ग्रह विशेष से होता है, उसी प्रकार संगीत के हर सुर का संबंध किसी न किसी ग्रह से अवश्य होता है। यदि किसी जातक को किसी ग्रह विशेष से संबंधित रोग हो और उसे उस ग्रह से संबंधित राग सूर अथवा गीत सुनाए जाए तो जातक विशेष जल्दी ही स्वस्थ हो जाता है।
शंख फूंकने से मर जाते है वैक्टीरिया, फेफड़े के लिए भी फायदेमंद
टीडी कालेज के संगीत अध्यापक अरविंद उपाध्याय का कहना है कि प्रति सेकंड 27 घनफुट की शक्ति से यदि शंख फूंका जाए तो 22 सौ फीट के क्षेत्र में रहने वाले बैक्टीरिया मर जाते हैं। सांस संबंधी और फेफड़ों से जुड़ी बीमारियों में शंख बजाना बेहद फायदेमंद होता है, क्योंकि शंख बजाने से फेफड़ों की एक्सरसाइज होती है। अगर नियमित रूप से शंख बजाया जाए तो इससे स्वसन तंत्र से जुड़ी परेशानियों में लाभ मिलता है।
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