बलिया : मोक्षदायिनी के आंचल में जगमगाते दीपों के बीच महर्षि भृगु वैदिक गुरुकुलम् ने मनाई गंगा जयंती
Ballia News : गंगा के पावन पवित्र रामगढ़ हुकुम छपरा तट पर महर्षि भृगु वैदिक गुरुकुलम् एवं समस्त सनातन अनुयाइयों द्वारा 1008 दीप प्रज्ज्वलित कर गंगा जयंती मनाई गयी। पूरे हर्षोंल्लास के साथ आयोजित कार्यक्रम में श्रद्धालुओं ने वैदिक मंत्रोचार के साथ मोक्षदायिनी मां गंगा का पूजन अर्चन व आरती किया।
गुरुकुलम के आचार्य पं. मोहित पाठक जी ने बताया कि
पौराणिक शास्त्रों के अनुसार वैशाख मास शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को मां गंगा स्वर्ग लोक से शिवशंकर की जटाओं में पहुंची थी। इसलिए इस दिन को गंगा सप्तमी के रूप में मनाया जाता है। जिस दिन गंगा जी की उत्पत्ति हुई, वह दिन गंगा जयंती (वैशाख शुक्ल सप्तमी) और जिस दिन गंगाजी पृथ्वी पर अवतरित हुई, वह दिन 'गंगा दशहरा' (ज्येष्ठ शुक्ल दशमी) के नाम से जाना जाता है। इस दिन मां गंगा का पूजन किया जाता है।
गंगा सप्तमी के अवसर पर मां गंगा में स्नान करने से मनुष्य के सभी पाप धुल जाते हैं। मनुष्य को मोक्ष की प्राप्ति होती है। वैसे तो गंगा स्नान का अपना अलग ही महत्व है, लेकिन इस दिन स्नान करने से मनुष्य सभी दुखों से मुक्ति पा जाता है। इस दिन दान-पुण्य का विशेष महत्व है। शास्त्रों में उल्लेख है कि जीवनदायिनी गंगा में स्नान, पुण्यसलिला नर्मदा के दर्शन और मोक्षदायिनी शिप्रा के स्मरण मात्र से मोक्ष मिल जाता है।
गंगा सप्तमी के दिन गंगा पूजन, दीपदान एवं स्नान से रिद्धि-सिद्धि, यश-सम्मान की प्राप्ति होती है। सभी पापों का क्षय होता है। मान्यता है कि इस दिन गंगा पूजन से मांगलिक दोष से ग्रसित जातकों को विशेष लाभ प्राप्त होता है। विधि-विधान से किया गया गंगा का पूजन अमोघ फल प्रदान करता है। इस अवसर पर गुरुकुलम् के बटुक सहित पप्पू ओझा, अर्जुन साह, आत्मानंद सिंह, राजकुमार उपाध्याय, अजय चौबे, धनंजय उपाध्याय, पंकज ओझा, उमाशंकर पाण्डेय तथा अन्य भक्तजन उपस्थित रहें।
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