शिकायत के बाद भी जिम्मेदार मौन : लेखपाल और पुलिस के इशारे पर ग्राम समाज की जमीन पर हो रहा अवैध निर्माण !
सिकंदरपुर, बलिया। प्रदेश सरकार के मुखिया की मंशा भले ही सूबे में माफिया की कमर तोड़ देने की हो, पर सिकंदरपुर पुलिस व तहसील प्रशासन की मंशा इसके उलट है। अवैध व अनैतिक कार्यों को रोकने की जिम्मेदारी संभालने वाले ही भू माफियाओं के साथ यारी निभा रहे हैं। यह यूं ही नहीं कहा जा रहा है, इसके पीछे मजबूत आधार है।
तहसील क्षेत्र सिकंदरपुर अंतर्गत शेखपुर की ग्राम समाज की भूमि पर एक व्यक्ति कब्जा कर मकान का निर्माण पिछले 15 दिनों से करा रहा है। इसकी शिकायत उपजिलाधिकारी सिकंदरपुर समेत एसएचओ से कई दफा की गई, लेकिन क्षेत्रीय लेखपाल और बीट सिपाही की सह पर कराए जा रहे अवैध निर्माण को रोकने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखा रहा है।
मौजा जाहिदीपुर चक हाजी उर्फ शेखपुर निवासी सैयद शारिक अली ने बीते 4 मई को एसडीएम को पत्रक देकर गांव निवासी एक व्यक्ति (नामजद) के खिलाफ ग्राम समाज की जमीन पर अवैध रूप से अतिक्रमण कर मकान बनाने की शिकायत की। एसडीएम ने नायब तहसीलदार और एसएचओ को मार्क करते हुए तत्काल उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया। नायब तहसीलदार ने संबंधित लेखपाल को आदेश जारी कर त्वरित आख्या मांगी, पर अफसोस संबंधित लेखपाल ने आख्या देने की बजाय भू-माफिया का सहयोग करना उचित समझा। आरोप है कि इस कार्य में हल्का सिपाही ने भी भू-माफिया का साथ निभाया। लिहाजा मकान निर्माण का कार्य अनवरत जारी है।
थाने व तहसील का चक्कर काट रहा शिकायतकर्ता
शिकायतकर्ता की शिकायत को तहसील प्रशासन द्वारा हवा में उड़ाने से भू-माफिया का हौसला बुलंद है। इस बीच गांव के अन्य लोगों ने जिलाधिकारी समेत अन्य सक्षम अधिकारियों से भी मामले की शिकायत की, लेकिन कोई संज्ञान नही ले रहा है। सूत्रों की माने तो तहसील के जिम्मेदार अधिकारी भी संबंधित लेखपाल से आख्या नही मांग पा रहे हैं। उधर जब शिकायतकर्ता थाने पहुंचता है तो उसे यह कह कर भगा दिया जाता है की मंत्री को ट्वीट करोगे तो मंत्री ही कार्य रूकवाएंगे।
सांठ गांठ से हो रहा अवैध निर्माण
राजस्व विभाग के कर्मचारियों की सांठ गांठ से तहसील क्षेत्र में सरकारी जमीनों को कब्जे में लेने का नया चलन शुरू हो गया है। यहाँ पर बिना किसी अधिकार के जमीन पर हक जताकर कब्जा किया जा रहा है। शेखपुर तो एक बानगी भर है। यदि सही से जांच कर दिया जाए तो तहसील क्षेत्र के एक दर्जन से अधिक गांवों में लेखपाल और कुछ पुलिसकर्मियों के सहयोग से कराए गए अवैध निर्माण की पोल खुल जायेगी। ग्रामीणों ने एक बार फिर जिम्मेदारों का ध्यान आकृष्ट कराते हुए निष्पक्ष जांच कर कार्रवाई की मांग की।
अजीत कुमार पाठक
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