बलिया : पलक झपकते ही उजड़ गया किरन का सुहाग, बिलख रही फौजी की मासूम बेटी




मझौवां, बलिया : एक पखवारा पहले फौजी धनजी यादव 28 दिन की छुट्टी पर घर आये थे, तब से परिवारिक माहौल और खुशनुमा था। लेकिन पलक झपकते ही नादान बेटी के सिर से जहां पिता का साया उठ गया, वहीं पत्नी का सुहाग उजड़ गया। खुशियों के आंगन में करुण-क्रंदन व चीत्कार मच गया। मां की बूढ़ी आंखों का आंसू सूख सा गया है। इस घटना से घर-परिवार, आस-पड़ोस तथा नाते-रिश्तेदार के सभी लोग अवाक है।
हल्दी थाना क्षेत्र के मलिकपुरा (मझौवां) निवासी धनजी यादव भारतीय थल सेना में थे। उनकी तैनाती हिमांचल प्रदेश में थी। फौजी पिता स्व. गुलाब चंद्र यादव के दो पुत्रों में छोटे धनजी यादव काफी मिलनसार व व्यवहार कुशल थे। धनजी 28 दिन की छुट्टी पर गांव आये थे। परिवार में सबकुछ ठीक था। सात साल की बेटी कॄषि फौजी पिता के साथ हमेशा लगी रहती थी। पापा ये बात... पापा वो बात...। पापा भी बेटी की खुशी के लिए हमेशा तत्पर रहते थे। धनजी की मां मुन्ना देवी व पत्नी किरन के साथ ही बड़े भाई धनलाल, भाभी और भतीजे भी काफी खुश थे।
बताया जा रहा है कि शुक्रवार को पड़ोसी की एक महिला को प्रसवपीड़ा होने पर जिला अस्पताल ले जाया गया था, जहां से चिकित्सकों ने मऊ रेफर कर दिया। इसके बाद कुछ लोग मऊ चले गये, जबकि धनजी अपने पड़ोसी सरोज यादव के साथ देर शाम को गांव लौट रहे थे। अभी ये लोग बेलहरी ढाले के पास पहुंचे थे, तभी बेकाबू कार इन्हें रौंदते हुए पलट गई। हादसे में धनजी और सरोज की मौत की सूचना जैसे ही घर पहुंची, कोहराम मच गया। धनजी की पत्नी किरन जहां बदहवास हो गयी, वहीं मां समेत पूरा परिवार दहाड़े मारने लगा। सरोज के घर भी करुण-क्रंदन व चीत्कार मच गया। गांव का हर शख्स इस घटना से आहत दिखा।
हरेराम यादव

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