बलिया : सेनानी देवनाथ उपाध्याय को स्मरण कर अर्पित की श्रद्धांजलि
On
बलिया। सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए सोमवार को नवरतनपुर स्थित स्वतंत्रता सेनानी बालिका विद्यालय पर भारतीय स्वातंत्र्य संघर्ष में सहभाग करने वाले अमर सेनानी पण्डित देवनाथ उपाध्याय की 28वीं पुण्यतिथि मनायी गयी।
अध्यक्षीय उद्बोधन में अबरार अहमद खां ने पं. देवनाथ उपाध्याय के जीवन पर प्रकाश डालते हुए बताया कि बलिया के 1942 के जनक्रान्ति के अनेक अग्रणी नायकों में एक थे पं. देवनाथ उपाध्याय। इनका जन्म ग्राम मलेजी, पत्रालय-नवानगर, जिला-बलिया के एक अत्यन्त ही साधारण परिवार में हुआ था। इनके पिता का नाम स्व. महावीर उपाध्याय था, जो अत्यन्त ही साधारण गरीब एवं छोटे किसान थे। कष्टकारी बचपन और गरीबी अवस्था के बावजूद पं. महावीर उपाध्याय जी ने अपने बालक पं. देवनाथ उपाध्याय की शिक्षा दीक्षा की अच्छी व्यवस्था किया और उन्हें बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय वाराणसी में भेज कर उस काल में बी.एस.सी. और एम.ए. की डिग्री हेतु अध्ययन कराया।
संरक्षक डॉ. चन्द्रशेखर उपाध्याय जी ने पंडित जी का स्मरण करते हुए कहा कि स्व. देवनाथ उपाध्याय जो 1942 के क्रान्ति के अग्रणी नेता थे और जिन्होने अंग्रेजी सरकार के विरूद्ध अपने कर्मक्षेत्र के दो ब्लॉकों में लोगो को संघर्ष करने के लिए प्रेरित किया था। उनमें रचनात्मक वृत्तियां बहुत थी और इसलिए देश स्वतंत्र होने के बाद उन्होने 1951-52 में बेल्थरारोड़ में डी.ए.वी. कालेज की स्थापना किया और वहाँ के प्रधानाचार्य रहे। डी.ए.वी. कालेज बलिया जनपद का सबसे अच्छा कालेज माना जाता था और जन सहयोग के द्वारा जितनी भौतिक सुविधाओं की व्यवस्था श्री उपाध्याय ने वहां किया था, वह अतुलनीय थी। इसलिए उन्हें उस क्षेत्र में मालवीय की भी उपाधि दी गयी। श्री उपाध्याय जी ने अपने प्रयास से नवानगर में एक पुरूष एवं एक महिला अस्पताल की स्थापना करायी। जुलाई 1978 में अपने गांव में बालिकाओं की शिक्षा हेतु नवरतनपुर नवानगर में एक स्वतंत्रता सेनानी बालिका विद्यालय की स्थापना किया और उसी के विकास में तल्लीन रहते हुए 1992 में वाराणसी में एक सड़क दुर्घटना में दिवंगत हो गये। आज भी बलिया जनपद के नवानगर ब्लाक व बेल्थरारोड ब्लाक में उनके शैक्षणिक एवं सामाजिक कार्यो की चर्चा जनमानस में होती है। सन् 1990 में उन्होने डी.ए.वी. कालेज, बेल्थरारोड़ में सेनानियों का स्मारक भी स्थापित कराया।
डॉ. निर्मल पाण्डेय ने श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए प्रबन्ध समिति को एक प्रस्ताव रखा कि पंडित देवनाथ उपाध्याय संग बलिया के अनेकानेक नायकों के इतिहास को लिपिबद्ध करने की आवश्यकता है जिससे नयी पीढ़ी को प्रेरणा मिलेगी। इस प्रस्ताव को प्रबंध समिति द्वारा सर्वसम्मति से स्वीकार करते हुए अगले वर्ष भव्य रूप से मनाने का निश्चय किया गया।
इस अवसर पर डॉ. प्रीति उपाध्याय, अजय मिश्र, संजय सिंह तथा विद्यालय की प्रधानाध्यापिका श्रीमती शीला सिंह सहित अध्यापिकाएं गीता शुक्ला, विष्णावती यादव, सरस्वती पाठक, मनोरमा यादव एवं कर्मचारी एसरार अहमद खान, विजय शंकर यादव, कमलेश राय, प्रभुनाथ राय, नेहाल अहमद खान, श्रीमती बिट्टू उपस्थित रहे। साथ ही अंशिका सिंह और सृष्टि सिंह भी उपस्थित रहे।
Tags:
Related Posts
Post Comments
Latest News
Ballia News : बड़ी मेधावी छात्र था वो, कर रहा था प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी ; लेकिन...
06 Oct 2024 21:31:09
बलिया : गड़वार थाना क्षेत्र के सवन गांव में रविवार की सुबह एक युवक का शव पेड़ पर लटका देख,...
Comments