शहीद मेजर के पिता बोले- बेटे ने फर्ज निभाया, दुख तो उसका है, जो ढाई साल पहले ही इस घर में दुल्हन बनकर आई थी
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नई दिल्ली। हंदवाड़ा एनकाउंटर में शहीद हुए मेजर अनुज सूद के पिता रिटायर्ड ब्रिगेडियर चंद्रकांत सूद को जब इकलौते बेटे की शहादत की खबर मिली तो उनकी आंखों से आंसू छलकने लगे। फिर मन को संभाला, आंखों को पोंछते हुए बोले कि बेटे ने अपना फर्ज निभाया। वह देश के काम आया। दुख तो उस बहू का है, जो दो-ढाई साल पहले ही इस घर में दुल्हन बनकर आई थी।
जम्मू-कश्मीर के हंदवाड़ा में शनिवार रात आतंकियों से हुई मुठभेड़ में सेना की 21 राष्ट्रीय राइफल्स के कमांडिंग ऑफिसर आशुतोष शर्मा, मेजर अनुज सूद समेत 5 जवान शहीद हो गए थे। मेजर सूद हिमाचल के कांगड़ा के देहरा गोपीपुर के रहने वाले थे। काफी साल पहले उनका पूरा परिवार पंचकुला में शिफ्ट हो गया था।
2017 में हिमाचल में हुई थी शादी
मेजर अनुज सूद की शादी हिमाचल के धर्मशाला में रहने वाली आकृति से सितंबर 2017 में हुई थी। आकृति पुणे की एक कंपनी में जॉब करती हैं। मेजर की शहादत की खबर जैसे ही उनकी ससुराल धर्मशाला पहुंची, वहां का माहौल गमगीन हो गया। सोमवार को मेजर का पार्थिव शरीर पंचकुला लाया जाएगा। इसके बाद मनी माजरा श्मशान घाट में सैन्य सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार होगा।
31 वर्षीय मेजर अनुज सूद की शुरुआती पढ़ाई आर्मी पब्लिक स्कूल लखनऊ में हुई। उन्होंने एनडीए प्रवेश परीक्षा पहली बार में ही पास कर ली थी। परिजन ने बताया कि अनुज का चयन आईआईटी में हो गया था लेकिन, उन्होंने देशसेवा के लिए आर्मी ज्वाइन करने का फैसला किया।
शहीद मेजर की छोटी बहन भी कैप्टन
शहीद मेजर सूद का परिवार कुछ महीने पहले ही पंचकुला की अमरावती एनक्लेव में रहने आया है। अभी यहां उनका मकान बन रहा है। शहीद मेजर की छोटी बहन हर्षिता सूद भी सेना में कैप्टन हैं, जो कि इन्दौर के मऊ में पोस्टेड हैं। मेजर अनुज की एक बड़ी बहन ऑस्ट्रेलिया में रहती हैं।
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