भरत मुनि की जयंती सप्ताह : बलिया में हुई गोष्ठी, ये बात आई समने
On
बलिया। नाट्यशास्त्र के रचयिता भरत मुनि जयंती सप्ताह के अंतर्गत संस्कार भारती के तत्वाधान में पं केपी मिश्र मेमोरियल संगीत विद्यालय रामपुर उदयभान में गोष्ठी आयोजित हुई। इस अवसर पर रंगकर्मी अभय सिंह कुशवाहा ने महाभारत में श्रीकृष्ण-कर्ण संवाद को एकल नाटक के जरिए मंचन किया।
गोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए साहित्यकार भोला प्रसाद आग्नेय ने कहा कि आचार्य भरत मुनि ने नाट्य वेद की रचना करके नाट्य कला को एक शास्त्रीय रूप प्रदान किया। ऋषि मुनियों ने उसे पांचवे वेद के रूप में मान्यता दी। नाट्य वेद में नाट्य कला के विभिन्न स्वरूपों का विस्तृत व्याख्या कर आचार्य जी ने सभी रूपों के किए एक मानक निर्धारित किया। लेकिन, आज पाश्चात्य संस्कृति के प्रभाव में आकर उस मानक की उपेक्षा कर रहे रहे हैं। कवि लाल साहब सत्यार्थी ने कहा कि संस्कार भारती द्वारा जनमानस को अपनी संस्कृति से अवगत कराना प्रशंसनीय है। कौशल मिश्र ने भरत मुनि दिवस के अवसर पर बलिया में नाट्य प्रशिक्षण केंद्र की आवश्यकता पर बल दिया। कहा, इसके लिए संस्कार भारती संग अन्य जिम्मेदारों को भी पहल करने को आगे आना चाहिए।
इससे पहले गोष्ठी की शुरुआत सरस्वती वंदना 'मेरो कंठ बसो महारानी' से हुआ। श्रीराम प्रसाद सरगम ने बेटी पर आधारित कविता के माध्यम से कार्यक्रम को सफलता के शिखर पर पहुंचाया। अदिति मिश्रा ने राग बिहाग में 'झनन-झनन बाजे पैजनिया' के अलावा स्नेहा गुप्ता, रिंकू प्रजापति, शिवम मिश्र, पवन पाण्डेय ने शानदार भजन की प्रस्तुति दी। तबला पर शानदार संगत आकाश मिश्र ने किया। संस्कार भारती के अध्यक्ष राजकुमार मिश्र ने सभी अतिथियों को अंगवस्त्रम से सम्मानित करते हुए सबके प्रति आभार जताया। रश्मि पाल, प्रेमप्रकाश पांडेय, ऋषिका ठाकुर, रोहन चौहान, हिमांशु, निरंजन, सुशील, अजीत, अरूण, सोनू, सात्विक आदि थे।
Tags: Ballia News
Related Posts
Post Comments
Latest News
Ballia News : अन्नपूर्णा भवन निर्माण में अनावश्यक हस्तक्षेप से ग्रामीणों में रोष
12 Dec 2024 12:23:59
बलिया : ग्राम पंचायतों में कोटे की दुकानों के संचालन के लिए अन्नपूर्णा भवन बनाने की योजना है। जिस क्रम...
Comments