छ्ठ पूजा करने ससुराल पहुंचे योगी सरकार के मंत्री : बलिया में तमसा नदी के तट पर अपनी पत्नी को दिलाया अस्ताचलगामी सूर्य को अर्ध्य




बलिया। लोक आस्था और विश्वास का महापर्व जिले में धूमधाम और उल्लास के साथ मनाया जा रहा है। शहर से लेकर गांव तक छठ घाटों को आकर्षक तरीके से सजाया गया है। छठ पूजा में सूर्यदेव और छठी मैया की उपासना का खास महत्व है। छठ पूजा के तीसरे दिन व्रतियों ने अस्ताचलगामी भगवान भास्कर को पहला अर्घ्य समर्पित दिया, जिसका बहुत महत्व है। बलिया के सेमराघाट सागरपाली छठ घाट पर पहुंचे योगी सरकार के मंत्री अनिल राजभर ने छठी मईया का पूजन अर्चन कर अपनी पत्नी का अर्घ्य दिलवाया।
छ्ठ पूजा को लेकर जिले भर में उत्साह और उमंग का माहौल है। मान्यता है कि छठ व्रत के प्रभाव से संतान पर कभी कोई आंच नहीं आती। हर कार्य में सफलता मिलती है। छठ का पर्व खुशियां लाने वाला माना गया है। नहाय खाय से शुरू हुई चार दिनी छठ की पूजा 31 अक्टूबर को उगते सूर्य को अर्घ्य देने के बाद समाप्त होगी। छठी मईया का आशीर्वाद पाने के लिए महिलाएं चार दिन तक इस व्रत में कड़े नियमों का पालन करती है। व्रत के तीसरे दिन छ्ठ घाटों पर महिला, पुरुष और बच्चों की अपार भीड़ देखी गई। छठ घाट जाने वाले रास्तों पर साफ-सफाई, संक्रमण से बचाव के लिए ब्लीचिंग पाउडर और सैनिटाइजर का छिड़काव किया गया था।
आस्था के इस महापर्व पर व्रतधारी महिला और पुरूष दोपहर बाद अपने घरों से दऊरा और सूप में पूजन सामग्री सजाकर छठघाट की ओर निकल पड़े। उनके परिजन एवं मोहल्ले के लोग छठ मइया के मंगल एवं भक्ति गीत गाते हुए उत्साह एवं श्रद्धा के साथ छठघाट पर पहुंच रहे थे। इसी क्रम में बलिया के सेमराघाट सागरपाली छ्ठ घाट पर यूपी के मंत्री अनिल राजभर ने छठी मईया का पूजन किया। उन्होंने कहा कि छठ का पर्व बहुत ही धूमधाम से मनाया जा रहा है। आप यहां का नजारा देख सकते हैं और परंपराओं के हिसाब से छठ मैया का पूजन हो रहा है। उसी क्रम में मैं सागरपाली के सेमराघाट पर पहुंचा हूं। यहीं पर मेरी ससुराल है, जहां मेरी पत्नी ने छठ का व्रत रखा था और उसी छठ व्रत में मैं यहां पर आया हूं। अपनी पत्नी को अर्घ्य दिया हूं। नगर सहित ग्रामीण इलाकों में छठ घाटों पर व्रती महिला-पुरुषों ने अस्तलगामी सूर्य को प्रथम अर्घ्य अर्पित कर सुख-समृद्धि का वर मांगा।


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