बलिया BSA और वित्त एवं लेखाधिकारी ने किया शिक्षक प्रशिक्षण का शुभारम्भ, कही ये बात
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बलिया। आधारशिला क्रियान्वयन संदर्शिका, समृद्ध हस्तपुस्तिका (रीमिडियल टीचिंग प्लान), प्रिंट रिच मेटेरियल एवं गणित किट पर आधारित दो दिवसीय शिक्षक प्रशिक्षण का उद्घाटन नगर संसाधन केंद्र पर बीएसए शिव नारायण सिंह तथा वित्त एवं लेखाधिकारी अमित कुमार राय ने संयुक्त रूप से किया। बीएसए ने कहा कि विद्यालय प्रक्रिया के अंतर्गत संचालित होने वाली संज्ञानात्मक एवं सह संज्ञानात्मक गतिविधियां बच्चों के सर्वांगीण विकास में अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान रखती हैं। इन गतिविधियों को नियोजित कर संचालित करने में शिक्षकों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। उनकी भूमिका के प्रभावी निर्वहन के लिए नियमित सेवारत शिक्षक प्रशिक्षण की व्यवस्था है। इन सबके बावजूद कई बार कार्यस्थल पर सहयोग की आवश्यकता शिक्षकों द्वारा महसूस की जाती रही है। इन्हीं जरूरतों की प्रतिपूर्ति के लिए सेवारत प्रशिक्षण का आयोजन किया जाता है।
वित्त एवं लेखाधिकारी अमित कुमार राय ने बताया कि हमारे बच्चे ही हमारी संपत्ति है। हमें संकल्पित होकर बच्चों के विकास को मूर्त रूप देने के लिए प्रयास किए जाने की आवश्यकता है। बच्चों द्वारा कक्षा के अनुरूप अधिगम स्तर प्राप्त करने में शिक्षकों की सबसे महत्वपूर्ण भूमिका होती है। यदि शिक्षक रोचक तरीके व विधियों का प्रयोग अपने शिक्षण में करते हैं तो निश्चित रूप से बच्चों को सीखने में मदद मिलती है। ऐसे प्रभावशाली शिक्षकों से युक्त विद्यालय ही अपने लक्ष्य तक समय सीमा के अंतर्गत प्रभावी ढंग से पहुंच सकते हैं।
खंड शिक्षा अधिकारी (नगर क्षेत्र) धर्मेंद्र कुमार ने बताया कि समग्र शिक्षा उत्तर प्रदेश द्वारा शिक्षकों को और अधिक प्रभावशाली बनाने के लिए मिशन प्रेरणा के लक्ष्यों को निर्धारित किया गया है। इसमें शैक्षिक पहलुओं पर खास फोकस किया गया है।आधारशिला, ध्यानाकर्षण तथा शिक्षण संग्रह माड्यूल में नवाचारी व प्रभावी शिक्षण के विभिन्न तरीकों तथा उदाहरण के रूप में नई गतिविधियों का समावेश किया गया है, ताकि शिक्षक अपनी शिक्षण प्रक्रिया को समृद्ध बनाकर उन्हें कक्षा में लागू करें। एसआरजी आशुतोष कुमार सिंह तोमर ने प्रशिक्षण में उपस्थित शिक्षकों को मिशन प्रेरणा के लक्ष्यों को समयबद्ध व प्रभावी ढंग से करने में मदद के लिए आगे आने की बात कही। शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करने के उद्देश्यों को बेहतर तरीके से समझाया। उन्होंने भाषा व गणित की दक्षता के निर्धारण के बारे में बात करते हुए बताया कि नि:शुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम 2009 के अंतर्गत 6 से 14 आयु वर्ग के सभी बच्चों को शत-प्रतिशत नामांकन, ठहराव व गुणवत्ता परक शिक्षा की व्यवस्था सरकार द्वारा की गई है। इसमें प्रस्तावित लक्ष्यों की प्राप्ति के सापेक्ष कार्य किए जाने की आवश्यकता है।
खंड शिक्षा अधिकारी मनियर ओम प्रकाश दुबे ने शिक्षकों का आह्वान करते हुए बताया कि हमारी प्रतिबद्धता ही हमें लक्ष्यों की प्राप्ति की ओर ले जाती है। हमें प्रेरणा लक्ष्यों की प्राप्ति के सापेक्ष एक साथ कार्य किए जाने की आवश्यकता है। जिला समन्वयक (प्रशिक्षण) नुरुल हुदा द्वारा शिक्षकों का आह्वान किया गया कि नियमित पठन-पाठन से ही बच्चों को शिक्षित करने व मार्गदर्शन प्रदान करने में सहायता मिलती है। हम सभी को नियमित तौर पर पढ़कर शिक्षण योजना बनाकर ही कक्षा कक्ष में जाना चाहिए, ताकि हम बच्चों को सिस्टमैटिक तरीके से पढ़ा व सिखा सकें। प्रशिक्षक एआरपी डॉ. शशि भूषण मिश्र ने प्रशिक्षण को गति प्रदान करते हुए पीपीटी के माध्यम से समय सारणी की उपयोगिता और इसे लागू करने के तौर-तरीकों के बारे में विस्तृत चर्चा की। उन्होंने बताया कि समय सारणी हमें अनुशासन सिखाती है। लक्ष्यों की प्राप्ति की दिशा में सकारात्मकता का बोध कराती है। भाषा शिक्षण व गणित शिक्षण की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए एआरपी राम रतन सिंह यादव ने बताया कि हमें चित्र व कार्ड के माध्यम से इनका विकास किए जाने की आवश्यकता है। कार्यक्रम में उपस्थित केआरपी अजय कुमार सिंह ने प्रेरणा लक्ष्य, प्रेरणा तालिका के बारे में विस्तृत चर्चा करते हुए इनके प्रयोग व रखरखाव की बात की। एआरपी अनिल कुमार ने प्रशिक्षण की बारीकियों के बारे में बात करते हुए बताया कि हमें प्रिंट रिच सामग्री का अधिकाधिक प्रयोग करना होगा, ताकि हम कम मेहनत में अधिक सफलता प्राप्त कर सकें। प्रथम चक्र के दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में 23 शिक्षकों को प्रशिक्षित किया जा रहा है।
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