भारतीय ऋषि परंपरा का प्रतीक रहा प्रो. जमुना राय का जीवन
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बलिया। प्रो. जमुना राय ताउम्र यथार्थ की पथरीली जमीन से जुड़े रहे। वे समर्पित शिक्षक और शिक्षाविद थे। सतीश चंद्र स्नातकोत्तर महाविद्यालय बलिया के प्रशिक्षण विभाग में कार्य करते हुए अवकाश ग्रहण किये थे। त्याग, तपस्या से पूरित उनका जीवन भारतीय ऋषि परंपरा का प्रतीक रहा है।
उक्त बातें भारतीय सद्भावना मिशन के नगर कार्यालय पर गुरुवार को प्रो. जमुना राय की स्मृति में आयोजित शिक्षा संगोष्ठी में बतौर मुख्य अतिथि साहित्यकार डॉ. जनार्दन राय ने कही। कहा कि वे विद्या विनय संपन्न अध्येता थे। गांधी, रविन्द्र व रूसो के सिद्धांतों से प्रभावित प्रो. राय अप्रतिम अध्येता थे।प्रधानाचार्य डॉ. अजय कुमार मिश्र ने कहा कि उनकी शिक्षा खेत-खलिहान से होते हुए संस्कार व संस्कृति की नगरी काशी में हुई थी।उनका ऋषि तुल्य जीवन चिरकाल तक प्रेरणा देता रहेगा। गोष्ठी में नीतीश शेखर, आचार्य हीरालाल राय, अशोक कुमार पांडे, श्रीप्रकाश मिश्र, प्रोफेसर बृजेश तिवारी, डॉक्टर करुणेश, कुमार अभिजीत, जय प्रकाश पांडे, शिव बचन सिंह रंजन ओझा, सुभाषिता, श्रीमती कंचन राय, श्रीनिवास यादव, भैया लल्लू सिंह, राम प्रकाश पांडे, शिव दर्शन राय, कमलेश्वर पांडे, सत्येंद्र सिंह इत्यादि उपस्थित रहे।
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