2.25 करोड़ की रिश्वत मांगने में फंसे BSA और दो जिला समन्वयक, FIR का आदेश

2.25 करोड़ की रिश्वत मांगने में फंसे BSA और दो जिला समन्वयक, FIR का आदेश

UP News : उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले का बेसिक शिक्षा विभाग एक बार फिर भ्रष्टाचार के लपेटे में आ गया है। इस बार जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी व उनके दो अधीनस्थ फर्नीचर सप्लाई करने वाली फर्म से 2.25 करोड़ रुपये की रिश्वत मांगकर फंस गए हैं। आरोप है कि बीएसए और उनके अधीनस्थों ने मांगी गयी रिश्वत की धनराशि में से 26 लाख रुपया एडवांस भी लिया। बावजूद इसके फर्म का टेंडर निरस्त कर कंपनी को ब्लैक लिस्ट करते हुए उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज करा दी गयी।

मामले का संज्ञान लेते हुए गोरखपुर की एंटी करप्शन कोर्ट ने बीएसए अतुल तिवारी, जिला समन्वयक (निर्माण) विद्या भूषण मिश्र व जिला समन्वयक (जेम) प्रेमशंकर मिश्र के खिलाफ नगर कोतवाली पुलिस को एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया है। अपने आदेश में कोर्ट ने कहा है कि यह रुटीन प्रकृति का नहीं, बल्कि यह भ्रष्टाचार का गंभीर मामला है‌। 

देहात कोतवाली थाना क्षेत्र के किनकी गांव के रहने वाले मनोज पाण्डेय फर्नीचर व्यवसायी हैं। वह हरियाणा के गुरुग्राम में संचालित नीमन सीटिंग सल्यूसन प्राइवेट लिमिटेड अपनी फर्म के प्रबंध निदेशक हैं। मनोज पांडेय के मुताबिक अक्टूबर 2024 में गोंडा बेसिक शिक्षा विभाग की तरफ से परिषदीय स्कूलों में फर्नीचर सप्लाई के लिए निविदा प्रकाशित करायी गयी थी। जेएम पोर्टल पर पंजीकृत होने के नाते उनकी फर्म ने भी फर्नीचर सप्लाई का टेंडर भरा था। इसमें उनकी फर्म एल-1 के तौर पर चयनित हुई थी।

यह भी पढ़े TSCT की बड़ी पहल : बहुप्रतीक्षित कन्यादान योजना शुरू, 11 अक्टूबर तक करें सहयोग

मनोज पांडेय का कहना है कि उनके फर्म के चयन के बाद बीएसए अतुल तिवारी ने अपने अधीनस्थ सरकारी कर्मचारी प्रेम शंकर मिश्रा डीसी (जेम) और डीसी निर्माण विद्याभूषण के माध्यम से उन्हे अपने आवास हाउसिंग कालोनी पर बुलाया और बातचीत के दौरान कहा कि खाली जेम पोर्टल से ही काम नहीं मिल पायेगा। यह काम लगभग 15 करोड़ रुपये का है। तुम्हें 15 प्रतिशत के हिसाब से 2 करोड़ 25 लाख रुपये कमीशन देना पड़ेगा। जिसमें से 50 लाख रुपये एडवांस देना पड़ेगा, क्योंकि इस धनराशि को ऊपर के उच्चाधिकारियों को भी देना होगा तब वह प्रपत्रों पर साइन करेंगे। इस पर मनोज पांडेय ने बीएसए को 22 लाख रुपये व दोनो डीसी को 4 लाख रुपये समेत कुल 26 लाख रुपये का भुगतान कर दिया।

यह भी पढ़े बच्चों में खांसी की दवा के सुरक्षित उपयोग, लेबलिंग अनुपालन और ColdRif Syrup को लेकर BCDA ने किया अलर्ट

शेष 24 लाख रुपये का भुगतान करने के लिए समय मांगा तो बीएसए ने जमानत के तौर पर दिए गए 50 लाख रुपये के डिमांड ड्राफ्ट को वापस कर कहा कि इसे तोड़कर बाकी के 24 लाख रुपये भी दे दीजिए। मनोज का कहना है कि इस तरह की जल्दबाजी देखकर उन्हे शंका हुई तो उन्होने वर्क ऑर्डर की कॉपी मिलने के बाद पैसे देने की बात कही लेकिन इससे नाराज बीएसए ने उन्हे नोटिस जारी कर धमकाना शुरू कर दिया। आरोप है कि जब उन्होने अपना पैसा वापस मांगा तो बीएसए व उनके अधीनस्थों ने उन्हे कार्यालय से भगा दिया और उनकी फर्म को ब्लैक लिस्ट करते हुए उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करा दी।

इस तरह न तो उन्हे काम मिला और न ही उनके पैसे वापस किए गए। मनोज ने इस मामले की शिकायत गोरखपुर स्थित भ्रष्टाचार निवारण कोर्ट में की। कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद यह माना कि यह रुटीन प्रकृति का नहीं है बल्कि यह भ्रष्टाचार का गंभीर मामला है‌। एंटी करप्शन कोर्ट के विशेष न्यायाधीश विपिन कुमार (तृतीय) ने नगर कोतवाली पुलिस को बीएसए अतुल तिवारी, डीसी निर्माण विद्या भूषण मिश्र व डीसी (जेम) प्रेमशंकर मिश्र के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर मामले की जांच का आदेश दिया है।

Tags:

Post Comments

Comments

Latest News

मदरसे से मिला नकली नोट का जखीरा, 19 लाख के साथ इमाम गिरफ्तार मदरसे से मिला नकली नोट का जखीरा, 19 लाख के साथ इमाम गिरफ्तार
खंडवा : जिले के जावर थाना क्षेत्र में पुलिस ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए एक मदरसे से 19 लाख...
3 November Ka Rashifal : क्या कहते हैं आपके सितारे, पढ़ें आज का राशिफल
2.25 करोड़ की रिश्वत मांगने में फंसे BSA और दो जिला समन्वयक, FIR का आदेश
कार्तिक पूर्णिमा स्नान : गंगा घाट पर चल रही तैयारियों का CDO ने किया निरीक्षण, दिये निर्देश
बिहार में लहराएगा भगवा : आदित्य नारायण तिवारी
Ballia News : गंगा घाट पर चल रही कार्तिक पूर्णिमा की विशेष तैयारी
बलिया में मेडिकल कॉलेज के शिलान्यास की कवायद तेज, कार्यवाहक प्राचार्य ने परिवहन मंत्री और अधिकारियों संग की चर्चा