विदेश में फंसे भारतीय कामगारों के लिए 'नारायण' बने बलिया के श्याम, 189 की वतन वापसी

विदेश में फंसे भारतीय कामगारों के लिए 'नारायण' बने बलिया के श्याम, 189 की वतन वापसी


बलिया। श्याम नारायण यादव... यह उस शख्त का नाम है, जो सचमुच में श्याम और नारायण दोनों है। विदेशी धरती दुबई और अबुधाबी में फंसे भारतीय कामगारों के लिए उत्तर प्रदेश के बलिया जनपद का यह शख्स 'रहनुमा' बनकर उभरा हैं। इनके प्रयास से विदेशों में फंसे 189 यात्रियों का जत्था गुरुवार को विशेष विमान से लखनऊ पहुंच गया। उभांव थाना क्षेत्र के चंदायर कलां गांव निवासी श्याम नारायण उद्योगपति निवेशक हैं। 

प्रशस्त किया 189 लोगों के वतन लौटने का मार्ग

अबुधाबी में रिलायंस गल्फ के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सह प्रबंध निदेशक यादव ने वैश्विक महामारी कोरोना की विभीषिका के मध्य अबुधाबी व दुबई में फंसे भारतीय कामगारों के स्वदेश लौटने को लेकर सार्थक पहल किया है। उन्होंने स्वयं सारा खर्च वहन करते हुए एक चार्टर्ड प्लेन किराये पर लिया तथा पहले खेप में उत्तर प्रदेश के विभिन्न इलाकों के रहने वाले 189 लोगों के वतन लौटने का मार्ग प्रशस्त किया। लखनऊ एयरपोर्ट पर गुरुवार को यह विमान पहुंच गया। स्वदेश लौटने पर विदेशी धरती पर फंसे भारतीय कामगारों के चेहरे खुशी से दमक उठे।

कामगारों की वतन वापसी का उठाया बीड़ा

रिलायंस गल्फ के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सह प्रबंध निदेशक यादव की योजना अगले कुछ दिनों में दुबई में फंसे बिहार के रहने वाले लोगों को वतन लौटाने की है। उन्होंने जानकारी दी कि वह देश के अन्य राज्यों के विदेश में फंसे हुए कामगारों के वतन वापसी का भी काम करेंगे। उन्होंने भारतीय दूतावास के साथ ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रति विशेष आभार प्रकट किया है। उन्होंने कहा कि देश के लिये उनको कुछ करने का अवसर मिला। उनके लिए इससे बड़ी फख्र की बात कुछ और नही हो सकती ।

चुनौतियों का सामना करने में खुशी

एक किसान परिवार से अपने विकास की यात्रा शुरू करने वाले श्याम नारायण के पिता राम राज यादव मुख्य रूप से किसान हैं। डीएवी इंटर कालेज, बिल्थरारोड से पढ़े श्याम नारायण कहते हैं कि उन्हें चुनौतियों का सामना करने में खुशी होती हैं।

गौरवशाली इतिहास में जुड़ा शानदार अध्याय

शिक्षक आनन्द यादव कहते हैं कि स्वभाव से जुझारू श्याम नारायण यादव सामाजिक व मानवीय सेवा के लिये हमेशा तत्पर रहते हैं। वह कहते हैं कि बलिया जिले का गौरवशाली इतिहास है, जिसमें श्याम नारायण ने शानदार अध्याय जोड़ने का काम किया है।



रमेश जायसवाल

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