प्रतिभा को सलाम-02 : बलिया में Online शिक्षा को ऐसे बुलंदी दे रहे ये Teacher

प्रतिभा को सलाम-02 : बलिया में Online शिक्षा को ऐसे बुलंदी दे रहे ये Teacher

लॉकडाउन और ऑनलाइन शिक्षा

कौन कहता है कि आसमां में सुराख नहीं हो सकता, एक पत्थर तो तबीयत से उछालों यारों...। इस पंक्ति को बेसिक शिक्षा परिषद के शिक्षक सच साबित करने में जुटे है। इस वैश्विक महामारी कोरोना के चलते स्कूल बंद है, लेकिन शिक्षक बच्चों को Online शिक्षा दे रहे है। इसमें उन्हें सफलता भी मिल रही है। प्रस्तुत है ऑनलाइन पढ़ाई की कहानी बलिया के शिक्षक-शिक्षिकाओं की जुबानी...


छात्रों को ऑनलाइन पढ़ाने का कोई पुराना अनुभव नहीं था, लेकिन Lockdown में 
बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाकर बहुत खुश हूं। धीरे-धीरे बच्चों के लिए यह शिक्षा रुचिकर हो रही है। हालांकि बच्चों को ऑनलाइन जोड़ने के लिए सबसे पहले अपने गुरुजनों की सहायता से गांव में जाकर अभिभावकों से संपर्क की। उन्हें ग्रुप में जोड़ा। प्रत्येक दिन स्वयं द्वारा तैयार गृह कार्य देती हूं और दूसरे दिन गृह कार्य की जांच कर अन्य ग्रुपों में भी प्रेषित करती हूं। बच्चों और अभिभावकों का पूरा सहयोग मिल रहा है। प्रतिदिन नए कार्यों को करने के लिए बच्चे उत्साहित रहते हैं। वीडियो और ऑडियो द्वारा प्रश्नों का समाधान किया जाता है, जिनके यहां मोबाइल है उनके यहां दूसरे बच्चे आकर पढ़ते हैं। सत्र काफी पिछड़ जाने की आशंका से परेशान स्कूलों के प्रबंधन के लिए ऑनलाइन शिक्षण संकटमोचक साबित हो रहा है। यह उन सभी छात्रों के लिए बहुत उपयोगी है, जिनके पास जरूरतमंद बुनियादी सुविधा और इंटरनेट की पहुंच है।       
                            पूजा

पूजा, सअ                           
प्रावि टगुनिया                        
शिक्षा क्षेत्र-सीयर


वैश्विक महामारी की वजह से 13 मार्च के बाद लगातार बन्द हुए विद्यालय से बच्चो की शिक्षा निरन्तर बाधित हो रही थीं। विद्यालय में बच्चो के साथ अत्यधिक घुले मिले होने की वजह से मेरे पास 7 ऐसे बच्चे थे, जो पहले से ही व्हाट्सएप से जुड़े थे। मुझे मेसेज करते थे। फिर क्या था, आज से 1 माह पूर्व ही मैंने उन बच्चो के साथ अपने विद्यालय के नाम से ग्रुप बनाया। अपने सारे स्टाफ व smc अध्यक्ष को जोड़ दी। उन बच्चों के सहारे और गांव के लोगो की सहायता से मेरा ग्रुप बढ़ता चला गया। खण्ड शिक्षा अधिकारी की भी ग्रुप में उपस्थिति है। ग्रुप में नियमित रूप से दीक्षा एप, e-पाठशाला के कांटेट के साथ-साथ प्रतिदिन video बनाकर बच्चो को पढ़ाया जाता है। साथ ही साथ वॉइस मेसेज और वीडियो कॉल से भी बच्चो को शिक्षा दी जाती है। बच्चे काफी रुचि लेते हैं। प्रतिदिन शाम को कोरोना महामारी और इससे बचने के उपाय, योग, प्राणायाम आदि पर भी चर्चा की जाती है। चित्रकला, कहानी बनाओ प्रतियोगिता ग्रुप में आयोजित कर शिक्षा को और भी रुचिकर बनाने का प्रयास किया जाता है। 

                   प्रतिमा उपाध्याय

प्रतिमा उपाध्याय, प्रअ
प्राथमिक विद्यालय अमृतपाली
शिक्षा क्षेत्र-दुबहर


विद्या विहीनं पशुभिर्समाना अर्थात् विद्या से रहित मनुष्य पशु के समान होता है। लाकडाउन के चलते ग़्रामीण बच्चे शिक्षा ग़्रहण नहीं कर पा रहे थे। सम्पूर्ण विद्यालय में पठन-पाठन अवरुद्ध हो चुका था। ऐसे समय में बच्चों के भविष्य को ध्यान मे रखते हुए मैं अपने सहायक अध्यापिका मोनिका वर्मा, शिमि संध्या पाण्डेय, उषा देवी एवं शहनाज बानो के सहयोग से अध्ययनरत बच्चों के संरक्षकों का व्हाट्सप ग़्रुप बनाया। उस ग़्रुप के माध्यम से प्रतिदिन बच्चों को video, दूर ध्वनि तथा अनन्य शैक्षणिक सामग्रियों के माध्यम से शिक्षा प्रदान की जा रही है। ग़ृहकार्य भी दिया जाता हैं। अगले दिन उसको चेक कर उनके त्रुटियों को अवगत कराकर सम्यक्तया सरलतमरुप में शिक्षा प्रदान करने का प्रयास किया जाता है, जिससे प्रत्येक बालक-बालिका सरलतापूर्वक कुछ नया सीखते हुये शिक्षा ग़्रहण कर सके। आरंभ में कुछ कठिनाई हुई, लेकिन अभिभावकों से सम्पर्क कर उनका निदान करते हुए अभिभावकों और बच्चों को समझाने पर धीरे-धीरे शिक्षा के प्रति बालकों में उत्तरोत्तर सीखने की प्रवृति बढती गयी। इससे आज विद्यालय के अधिकाधिक छात्र जुड़कर लाभ उठा रहे हैं। मैं अपने विद्यालय परिवार को धन्यवाद ज्ञापित करता हूं, जो दिनरात लगकर बच्चों के भविष्य को संवारने में अनन्य भाव से लगे हुए हैं।         

                डॉ. बरमेश्वर नाथ पाण्डेय   

डॉ. बरमेश्वर नाथ पाण्डेय, प्रअ
प्रावि मिश्रवलिया, 
शिक्षे- बेरुआरबारी

लॉकडाउन के इस बेहद ही संवेदनशील वातावरण में दुनिया मानो घरों में कैद हो चुकी है। अर्थव्यवस्था शिक्षण व्यवस्था सबकुछ ठप हो चुकी है। इस नई समस्या से लड़ने के नए तरीके भी इजाद करने पड़ेंगे। इसी बात को मद्देनजर रखते हुए मैंने लॉकडाउन के प्रारम्भ में ही ऑनलाइन शिक्षण की योजना बनाई। मैं बच्चों के फोन नं. पर केवल सामान्य जानकारी से सम्बन्धित मैसेज भेजा करता था। उसके बाद कुछ व्हाट्सप्प नंबर मिला तो कुछ सहूलियत मिली। अब बच्चों के व्हाट्सप्प पर गृहकार्य के साथ साथ वीडियो बनाकर अध्ययन हेतु प्रेषित करता हूं। बच्चे अध्ययन करके प्रश्नों के उत्तर लिखकर उसकी प्रति कॉपी हमारे व्हाट्सप्प पर भेजते हैं, जिसे हम चेक करके उन्हें प्रोत्साहित करते हैं। बच्चे काफी रूचि ले रहे है। वैसे हम शारीरिक रूप से अस्वस्थ हैं, लेकिन शिक्षा हालातों के आगे घुटने टेकने की चीज नहीं है। हम आम जनता को यह बताना चाहते हैं कि इस अति संवेदनशील काल में हम शिक्षक भी ऐतिहासिक गाथा गढ़ने व अपने कर्त्तव्यों के निर्वहन को समर्पित व दृढ़संकल्पित है।

                   शंकर कुमार रावत 

शंकर कुमार रावत, प्रप्रअ
पूमावि शेरवां कलां
शिक्षे-गड़वार


कोरोना महामारी के कहर को देखते हुए शासन एवं उच्चाधिकारियों के निर्देशानुसार बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों में भी ऑनलाइन शिक्षण का कार्यक्रम चलाया जा रहा है। मैं भी अपने विद्यालय से सम्बन्धित छात्रों के अभिभावकों से सम्पर्क कर व्हाट्सएप नंबर लेकर प्रावि शिवपुर मठिया, शिक्षा क्षेत्र- सीयर, बलिया के नाम ग्रुप बनाया। Video काॅल से बच्चों को 26 अप्रैल 2020 से ही सभी विषयों की आनलाइन कक्षाएं चलाई जा रही हैं। इस शिक्षण में विद्यालय की सअ श्रीमती रीना सिंह एवं सअ विनोद कुमार यादव का सराहनीय सहयोग है। ई-पाठशाला हेतु दीक्षा एप, मिशन प्रेरणा, निष्ठा एप का प्रयोग इस परिस्थिति में सफल है। Online शिक्षण सफलतापूर्वक संचालित है। बच्चे भी नई विधि से बहुत खुश हैं। अभिभावकों का सहयोग भी मिल रहा है।
                     प्रभाकर तिवारी

प्रभाकर तिवारी, प्रअ
प्रावि शिवपुर मठिया
शिक्षा क्षेत्र-सीयर


संकलन : नन्दलाल शर्मा
प्रधानाध्यापक 
प्राथमिक विद्यालय तेतरा, सीयर बलिया




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