ग्राम पंचायत सहायकों की तैनाती पर हाईकोर्ट ने लगाई रोक, लेकिन...
लखनऊ। ग्राम पंचायतों में पंचायत सहायक, अकाउंटेंट व डाटा एंट्री ऑपरेटर की तैनाती पर इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने रोक लगा दी है। हालांकि, कोर्ट ने चयन प्रक्रिया को जारी रखने की अनुमति दी है। इस भर्ती से संबंधी शासनादेश को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर कोर्ट ने अपर मुख्य सचिव पंचायतीराज से राज्य सरकार का पक्ष रखने को कहा है।मामले की अगली सुनवाई 13 अक्तूबर को होगी।
स्नेहलता व अन्य की याचिकाओं में प्रदेश की 58,189 ग्राम पंचायतों के लिए भर्ती संबंधी शासनादेश में कई विसंगतियां बताई गई हैं। इनमें अभ्यर्थियों को उसी ग्राम का निवासी होने की अर्हता, कोरोना पीड़ितों के आश्रितों को वरीयता देने समेत आरक्षण संबंधी कई मुद्दे उठाए गए हैं। इसे न्यायमूर्ति एआर मसूदी की अदालत ने विचार योग्य करार दिया है। याचियों का कहना है कि 25 जुलाई को जारी इस शासनादेश के प्रावधानों में समानता के अधिकार का उल्लंघन हुआ है। इससे अभ्यर्थियों के हित प्रभावित होंगे। वहीं कोर्ट ने सरकार व ग्राम पंचायतों को यह छूट दी है कि चयन प्रक्रिया पूरी होने के बाद वर्तमान में दिए गए आदेश के संशोधन की अर्जी चयन के ब्योरे के साथ दे सकती हैं।
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