बलिया : खेत में फसल का अवशेष न जलाये किसान, वरना...
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बलिया। उप कृषि निदेशक इंद्राज ने बताया कि जनपद में रबी की मुख्य फसल गेहूॅ की कटाई प्रारम्भ हो चुकी है। किसान गेहूॅ की कटाई प्रायः कम्बाईन व हार्वेस्टर से कराते है तथा कटाई के उपरान्त स्ट्रारीपर के माध्यम से भूसा बनाते है। इस प्रक्रिया में प्रयोग किये जाने वाले कृषि यंत्रों का समुचित रख रखाव न होने तथा कृषकों द्वारा अपेक्षित सावधानी न बरते जाने के कारण कुछ दिनों से आगजनी के कारण खड़ी फसल जल कर नष्ट होने की घटनायें लगातार हो जा रही है। खेत में फसल अवशेष कदापि न जलाये। तापमान अधिक होने तथा हवा चलने के कारण आग अगल-बगल के खेतों तथा आबादी में फैल कर अग्निकाण्ड का रूप ले सकती है। कम्बाईन व हार्वेस्टर से कटाई के उपरान्त फसल अवशेष के ऊपर 20 किलोग्राम यूरिया प्रति एकड़ की दर से बुरकाव करके मिट्टी पलटने वाले हल से जुताई कर देने पर मिट्टी में दबे फसल अवशेष सड़ जाते है तथा मृदा में कार्बनिक जीवांश की बढोत्तरी होती है। इससे मृदा स्वास्थ तथा खेत की उर्वरता पर अनुकूल प्रभाव पड़ता है। फसल कटाई के समय प्रयोग होने वाले ट्रैक्टर, कम्बाईन हार्वेस्टर, स्ट्रारीपर, थ्रेसर आदि का रख रखाव समुचित तरीके से करे। इन यन्त्रो के प्रयोग के समय यह सुनिश्चित कर ले कि इसमें किसी प्रकार की टूट-फूट न हो। कोई नट बोल्ट ढीला न हो। किसी प्रकार का आयल लीकेज न हो। बैट्री स्टाटर तथा सभी वायर कनेक्शन साफ सुथरे हो। सही ढंग से काम कर रहे हो तथा चलाने पर किसी प्रकार की चिंगारी न निकल रही हो। बैट्री के टर्मिनल विशेष रूप से कसे होने चाहिए, अन्यथा चिंगारी निकलने का खतरा अधिक होता है। इन यन्त्रो के साइलेन्सर पर स्पार्क अरेस्टर लगाना सुरक्षा की दृष्टि से उपयोगी रहता है। खेत में बिजली के खम्भे या ट्रान्सफार्मर लगे होने पर इनके आस पास की फसल कटाई मजदूरो से करायी जाय तथा खम्भो तथा ट्रन्सफार्मर के आस पास की सुरक्षित क्षेत्र पानी से नम रखा जाय। कम्बाईन हार्वेस्टर से पूरी तरह पकी फसल की ही कटाई करायी जाय। फसल पूरी तरह पकी न होने पर नमी के कारण भूसा/पत्तियाॅ/बालियाॅ कृषि यन्त्रो के घूमने वाले हिस्से (रोटेटिग साफ्ट) से चिपत जाते है,जिनके रगड लगने पर निकलने वाली चिन्गारी से आग लगने की आशंका रहती है। स्ट्रारीपर भूमि की सतह के बहुत नजदीक से चलाये जाने पर भूमि की सतह पर पडे कंकड, पत्थर, पुराने नट बोल्ट आदि स्ट्रारीपर द्वारा उठा लिया जाता है, जिनसे रगड़ के कारण चिंगारी निकलने व आग लगने का खतरा अधिक रहता है।
यदि फसल की कटाई में प्रयोग किये जा रहे यन्त्र में किसी प्रकार का रिपेयर किया जाना हो तो ऐसे यन्त्र को फसल से दूर खाली स्थान पर खड़ा करके ही रिपेयर का कार्य करे। फसल की कटाई के समय निकटस्थ टयूबबेल/टैंकर से पानी की तुरन्त उपलब्धता की व्यवस्था सुनिश्चित रखे, ताकि आग लगने पर तुरन्त बुझा कर आग फैलने से रोका जा सके। खेत में फसल अवशेष जलाये जाने पर 02 एकड तक के किसानों को रुपये दो हजार पांच सौ प्रति घटना, दो एकड से पांच एकड तक के किसानो को रुपये पांच हजार प्रति घटना तथा 05 एकड़ से अधिक भूमि पर रुपये पन्द्रह हजार प्रति घटना सम्बन्धित कृषक पर अर्थदण्ड लगाया जायेगा। किसी कृषक द्वारा अपने खेत में फसल अवशेष को जलाने की पुनरावृत्ति करने पर उसे सरकार द्वारा प्रदत्त सुविधाओ यथा अनुदान आदि से वंचित कर दिया जायेगा।
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