राष्ट्रनिर्माण में LIC की भूमिका महत्वपूर्ण : बलिया के इन कर्मवीरों को सम्मानित कर डीएम ने कही ये बात




एक सितंबर 1956 को 200 से अधिक बीमा कंपनियों का विलय कर जीवन बीमा का राष्ट्रीयकरण किया गया था, जिसके परिणामस्वरूप भारतीय जीवन बीमा निगम की स्थापना हुई थी। इस अवसर पर देश भर के निगम कार्यालयों में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं। बीमा के प्रति समाज में जागरूकता फैलाने का प्रयास किया जा रहा है।
बलिया। भारतीय जीवन बीमा निगम की बलिया शाखा में स्थापना की 66वीं वर्षगांठ मनाई गई, जिसका शुभारम्भ बतौर मुख्य अतिथि डीएम सौम्या सौम्या अग्रवाल ने दीप प्रज्वलित कर किया। सप्ताह भर चलने वाले इस कार्यक्रम को लेकर भारतीय जीवन बीमा निगम से जुड़े लोगों में काफी उत्साह रहा। शाखा को आकर्षक ढंग से सजाया गया था, जिसमें सभी कर्मचारी, अधिकारी, विकास अधिकारी, अभिकर्ता और कई महत्वपूर्ण बीमाधारक भी उपस्थित रहे।
जिलाधिकारी ने कहा कि राष्ट्रनिर्माण में भारतीय जीवन बीमा निगम की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है। यह संस्थान आर्थिक और सामाजिक दोनों तरह के दायित्वों का निर्वहन करता है। इसका ध्येय वाक्य सेवा और सुरक्षा है, जो इसके कार्यों और उद्देश्यों को ठीक-ठीक प्रतिविम्बित करता है। मैं उम्मीद करती हूं कि आजादी के अमृत महोत्सव वर्ष में निगम और बुलंदियों को हासिल करते हुए राष्ट्रनिर्माण में अपना महत्वपूर्ण योगदान देता रहेगा।
कार्यक्रम की शुरुआत में शाखा प्रबंधक विकास कुमार ने जिलाधिकारी को प्रतीक चिन्ह देकर स्वागत किया। साथ उन्होंने भारतीय जीवन बीमा निगम के उद्देश्यों और कार्यों को भी सामने रखा। इस अवसर पर प्रदीप पांडेय, विष्णु कुमार, अखिलेश ओझा, अजय मिश्र, सुजाता श्रीवास्तव, शालिनी, अमृता, साक्षी, ज्ञानती देवी, इंद्रदेव सिंह, अजय तिवारी, दिनेश सिंह, सुदामा अहीर, कुबेर उपाध्याय, स्नेहप्रताप सिंह, आनंद मोहन, बलराम, आशीष सिंह, अशोक पाठक, शम्भू ओझा और आशीष त्रिवेदी इत्यादि लोग शामिल हुए। संचालन प्रदीप पांडेय ने किया।
उत्कृष्ट कार्य के लिए इन्हें मिला सम्मान
CLIA प्रियम्बद दूबे, CLIA संजय सिंह, विकास अधिकारी बलराम गौंड व आभिकर्ता अभय सिंह व अश्वनी राय को जिलाधिकारी ने सम्मानित किया।
एक सप्ताह तक चलेगा कार्यक्रम
भारतीय जीवन बीमा निगम के 66वें स्थापना वर्ष का यह कार्यक्रम अगले एक सप्ताह तक चलेगा, जिसमें नुक्कड़ नाटक, रंगोली प्रतियोगिता, बच्चों की प्रतियोगिता और समाज के विभिन्न वर्गों के बीच जाकर कई अन्य कार्यक्रम भी आयोजित किये जायेंगे।

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